राजा भैया की बेटी राघवी ये कैसे सबूत लेकर आ गईं सामने, इनके पोस्ट से मचा हड़कंप
यूपी के बाहुबली नेता और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी के बीच विवाद का मामला दिन पर दिन बड़ा होता जा रहा है. भानवी सिंह के एक X पोस्ट के बाद उनकी बेटी राघवी कुमार अपनी मां के समर्थन में खुलकर आ गई हैं. जानें क्या है पूरा मामला?
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Raja Bhaiya & Bhanvi Singh News: यूपी के बाहुबली नेता और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी के बीच विवाद का मामला दिन पर दिन बड़ा होता जा रहा है. अभी हालिया भानवी सिंह ने लंबे-चौड़े X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में राजा भैया के खिलाफ आरोपों की बारिश की थी. भानवी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि 'मुझे पीटा गया. मेरी हड्डियां टूटीं. मेरे फेफड़ों में जख्म हुए. मैं सब बर्दाश्त कर लेती अगर एक उम्मीद होती कि शायद ये (राजा) सुधर जाएंगे.' भानवी सिंह के इस पोस्ट के बाद अब उनकी बेटी राघवी कुमार अपनी मां के समर्थन में खुलकर आ गई हैं. उन्होंने भी X पर पोस्ट करते हुए कहा कि 'यह लड़ाई पैसा, संपत्ति या अहंकार की नहीं, सिर्फ जीने के अधिकार, आत्मसम्मान और न्याय की लड़ाई है.'
राघवी कुमार ने कहा, "मैं यह तस्वीरें और एक स्क्रीनशॉट भी सबूत के तौर पर साझा कर रही हूं, जिसमें यह व्यक्ति खुद स्वीकार कर रहा है कि मेरी मां के फर्जी हस्ताक्षर इस्तेमाल किए गए हैं. यह व्यक्ति दो साल पहले हमारे घर आया था और मेरी मां की मदद के लिए बस्ती से आए स्टाफ को धमका रहा था. यह सिर्फ उस दिन की कहानी नहीं है, यह सिलसिला पिछले कई वर्षों से चल रहा है. मेरी मां ने 30 साल तक सब कुछ सहन किया, घरेलू हिंसा, अपमान, धोखा, विश्वासघात, यहाँ तक कि स्वास्थ्य पर हुए स्थायी नुकसान, लेकिन उन्होंने कभी इसे सार्वजनिक नहीं किया."
उन्होंने आगे कहा, "गवाहों को धमकाया जा रहा है, यूपी पुलिस खुद स्वीकार कर रही है कि एफआईआर बेबुनियाद है लेकिन हाई-प्रोफाइल मामला होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं कर रही, तब हमारे पास सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा. मैं रोज अपनी माँ को इस मानसिक और शारीरिक यातना में टूटते हुए देखती हूं, और मेरा दिल दुखी हो जाता है. क्या इस सरकार से इतनी भी उम्मीद नहीं कि वह अवैध एफआईआर, सत्ता के दुरुपयोग और महिला पर हो रहे अत्याचारों को रोके? कब हमें निष्पक्ष सुनवाई और न्याय मिलेगा? यह लड़ाई पैसा, संपत्ति या अहंकार की नहीं, सिर्फ जीने के अधिकार, आत्मसम्मान और न्याय की लड़ाई है. मैं हाथ जोड़कर सरकार, प्रशासन और समाज से अपील करती हूं: कृपया अब तो सुनिए, कृपया अब तो हस्तक्षेप कीजिए. एक बेटी की पुकार को सुना जाए." उन्होंने आखिर में कहा 'मैं योगी सरकार से आग्रह करती हूं कि कृपया इस अत्याचार को रोकें और कानून का शासन चलने दें."