अबू अंसारी अपना नाम अमित रख लखनऊ की गुंजा गुप्ता को ले गया छांगुर बाबा के पास, आगे की कहानी हिला कर रख देगी

संतोष शर्मा

UP News: लखनऊ की गुंजा गुप्ता के साथ अमित नाम के युवक ने दोस्ती की. इसके बाद गुंजा गुप्ता एक ऐसे जाल में फंसी की अब उसका नाम गुंजा गुप्ता नहीं बल्कि अलीना अंसारी है. जानिए क्या हुआ उसके साथ?

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UP News: लखनऊ की रहने वाली युवती गुंजा गुप्ता जिस तरह से धर्मांतरण रैकेट के जाल में फंसी, उसे जान हर कोई चौंक गया है. युवती की जिंदगी के साथ जिस तरह से खेला गया और फंसाया गया, उसने पुलिस को भी सकते में डाल दिया है. 

दरअसल यूपी एटीएस ने बलरामपुर के छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नरसीन को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले एटीएस बाबा के बेटे और नीतू के पति नवीन उर्फ जमालुददीन को भी गिरफ्तार कर चुकी है. खुद को पीर बताने वाला बाबा छांगुर इन लोगों के साथ मिलकर, धर्मांतरण का जो खेल खेल रहा था, उस खेल का शिकार लखनऊ की गुंजा गुप्ता भी बन गई. इस खेल के लिए विदेशों से करोड़ों रुपये की फंडिंग भी होती थी और यूपी में धर्मांतरण का जाल मजबूत किया जा रहा था.

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गुंजा गुप्ता के साथ क्या हुआ?

जैसे-जैसे धर्मांतरण का रैकेट चलाने वाले बलरामपुर के छांगुर बाबा और उसके गैंग की परतें खुलती जा रही हैं, वैसे-वैसे ही इनके जाल में फंसे और मुसलमान बने लोगों की कहानियां सामने आती जा रही हैं. इनमें से एक नाम लखनऊ की गुंजा गुप्ता का भी है.

गुंजा गुप्ता की दोस्ती अमित नाम के युवक से हुई. अमित ने खुद को हिंदू बताया और उसके करीब चला गया. दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए. गुंजा गुप्ता अमित पर खुद से भी ज्यादा विश्वास करने लगी. 

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फिर अमित ले गया छांगुर बाबा के पास

गुंजा जिसे अमित समझ रही थी और उसके करीब जा रही थी, दरअसल उसका नाम अमित नहीं बल्कि अबू अंसारी था. एक दिन गुंजा को भरोसे में लेकर अमित उर्फ अबू अंसारी उसे बलरामपुर स्थित दरगाह में छांगुर बाबा के पास ले गया. यहां पहले से ही छांगुर बाबा के गैंग के सदस्य और हिंदू से मुसलमान बने नीतू उर्फ नसरीन, नवीन उर्फ जमालुद्दीन मौजूद थे. बाबा छांगुर, अमित उर्फ अबू अंसारी और नीतू और नवीन ने मिलकर गुंजा गुप्ता का ब्रेनवॉश करना शुरू कर दिया. सभी ने मिलकर गुंजा को खुशहाल जीवन का लालच दिया और इनके जाल में फंसकर गुंजा ने इस्लाम अपना लिया. इन सभी ने उसका नाम गुंजा से बदलकर अलीना अंसारी रख दिया गया.

बाबा छांगुर के धर्मांतरण रैकेट में हिंदू लड़कियों के रेट भी तय थे

इस धर्मांतरण रैकेट की एक खास बात ये थी कि यहां हिंदू जातियों के आधार पर लड़कियों के रेट तय किए जाते थे. अगर मुसलमान बनने वाली लड़की ब्राह्मण, सरदार या क्षत्रिय जाति से है तो उसे मुसलमान बनने के बाद 15 से 16 लाख रुपए दिए जाते थे. अगर मुसलमान बन रही लड़की पिछड़ी जाति से है तो उसे 10 से 12 लाख रुपए दिए जाते थे. अन्य जाति की लड़की को मुसलमान बनने के लिए 8 से 10 लाख रुपये दिए जाते थे. इनके निशाने पर गरीब परिवार और उनकी लड़कियां ही रहती थीं. फिलहाल यूपी एटीएस इस पूरे रैकेट की जड़े खंगालने में लगी हुई है.

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