यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज में बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का किया निरीक्षण

पंकज श्रीवास्तव

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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने मंगलवार को प्रयागराज (flood in Prayagraj) के बघाड़ा, सलोरी सहित अन्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात करके उनका हाल जाना.

मौर्य मंगलवार को बक्शी बांध पहुंचे जहां से वह जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ नाव से बाढ़ग्रस्त इलाकों (Prayagraj flood) के लिए रवाना हुए. उप मुख्यमंत्री के साथ फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल ने भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया.

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने फूलपुर सांसद और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और बाढ़ से प्रभावित परिवारों से उनकी परेशानियां जानीं.

मौर्य ने कहा,

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“बाढ़ प्रभावित लोगों को शासन- प्रशासन द्वारा पर्याप्त सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. इस निरीक्षण का उद्देश्य लोगों की पीड़ा जानना और उन्हें आवश्यक मदद उपलब्ध कराना था.”

केशव प्रसाद मौर्य

कानून व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार के बारे में मौर्य ने कहा, “योगी जी के नेतृत्व में जब से भाजपा की सरकार आई है, तब से अपराध पर नियंत्रण हुआ है. इससे भी अच्छा माहौल निचले स्तर पर है जहां आम जनता आज अपराधियों से भय नहीं खाती, बल्कि अपराधी पुलिस बल से खौफ खाते हैं.”

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अपराध के मामले में पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर निशाना साधते हुए उप मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा, “जब प्रदेश में सपा की सरकार थी तो हर आदमी डरा हुआ रहता था कि वह शाम को घर लौटेगा या नहीं. बच्चा स्कूल से सकुशल वापस आएगा या नहीं.”

जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि बीती रात से जलस्तर स्थिर है और इसके बढ़ने की सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि जितने भी बाढ़ राहत शिविर हैं, वहां पुलिस बलों की तैनाती की गई है.

उन्होंने कहा कि साथ ही जल पुलिस, पीएसी की टीमें, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों को राहत और सहायता उपलब्ध कराने के लिए टीमें चौबीस घंटे लगी हुई हैं.

उल्लेखनीय है जिले में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर से एक मीटर ऊपर है.

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(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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