बागपत में बिना वर्दी, आधी रात ये क्या करने लगे IPS सूरज राय! जबरदस्त चर्चा होने लगी
बागपत में बढ़ते अपराधों के बीच IPS सूरज राय आधी रात को बिना वर्दी सड़कों पर निकल पड़े. उनका ये अचानक निरीक्षण चर्चा का विषय बन गया, जहां उन्होंने पुलिसकर्मियों को जवाबदेही के लिए सख्त निर्देश दिए.
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बागपत जिले में लगातार बढ़ रहे अपराधों ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है. हाल ही में हाईवे पर हुए फिल्मी अंदाज में होने वाले हत्या कांड ने कानून-व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए. इसी के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गए हैं. बता दें कि बीती रात एसपी ने कुछ ऐसा किया, जिसने पूरे महकमे में हलचल मचा दी. सूरज बिना वर्दी, आधी रात को खुद सड़कों पर उतर आए और शुरू हो गई एक सख्त 'ओपन पाठशाला'. क्या है पूरी कहानी आगे खबर में जानिए.
क्यों बिना वर्दी सड़क पर उतरे एसपी
एसपी सूरज राय ने रात के अंधेरे में अचानक जिले की सड़कों का निरीक्षण शुरू कर दिया. न वर्दी, न सरकारी गाड़ियों का काफिला, सब कुछ बेहद सामान्य, मगर आंखों में था सिस्टम को बदलने का ठोस इरादा. किसी को भनक तक नहीं लगी और देखते ही देखते एसपी ने मौके पर ही पुलिसकर्मियों की क्लास लगानी शुरू कर दी.
बता दें कि इस औचक निरीक्षण के दौरान सिपाहियों से लेकर थानेदारों तक, हर किसी को एसपी के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. वीडियो में एसपी साफ शब्दों में कहते सुने जा सकते हैं कि “अब मैं खुद देखूंगा पुलिस का रेस्पॉन्स टाइम…चाहे इनडोर हो या आउटडोर. मेरी प्राथमिकता है कि मैं पहले भरोसा करता हूं, लेकिन अब पुष्टि खुद करूंगा.” यह संदेश सिर्फ एक लाइन में नहीं था, बल्कि पुलिस के हर स्तर पर लापरवाही को खत्म करने की सीधी चेतावनी थी.
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कप्तान की जवाबदेही और जमीनी निगरानी
एसपी सूरज राय के इस निरीक्षण के पीछे उनका मकसद साफ था कि पुलिस व्यवस्था की हकीकत को जमीनी स्तर पर परखना. उन्होंने यह खुद जानने की ठानी कि चौकी इंचार्ज वास्तव में अपनी चौकी पर मौजूद रहते हैं या सिर्फ नाम का ही पहरा चल रहा है. इसी तरह यह भी जांचा गया कि बीट सिपाही और हल्का दरोगा रात की ड्यूटी पर गश्त कर रहे हैं या आराम फरमा रहे हैं.
इसके अलावा एक और बड़ा सवाल यह था कि घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को देरी क्यों होती है, जबकि त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा हमेशा रहती है. एसपी ने साफ कर दिया है कि अब इन सवालों के जवाब वह खुद तलाशेंगे और अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिले तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय मानी जाएगी.
बागपत पुलिस अधीक्षक का यह अंदाज अब तक की कार्यशैली से बिल्कुल अलग दिखा. उन्होंने साफ संदेश दिया है कि न तो अपराधी चैन से बैठेंगे और न ही लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मी. यह कार्रवाई केवल दिखावा नहीं, बल्कि आने वाले समय में जवाबदेही तय करने की नई पहल मानी जा रही है.
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