लेटेस्ट न्यूज़

रामचरितमानस की प्रतियां जलाने का मामला: स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 12 से अधिक पर केस दर्ज

आशीष श्रीवास्तव

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

Lucknow News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. इसके बाद से रामचरितमानस को लेकर उत्तर प्रदेश में विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस बीच बीते रविवार को राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाई गई थी. अखिल भारतीय ओबीसी समाज नाम के संगठन ने रामचरितमानस की यह प्रतियां जलाई थी. अब पुलिस ने इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है.

बता दें कि रामचरितमानस की प्रतियां जलाने को लेकर पुलिस ने करीब 1 दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. इसमें समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है. बता दें कि ऐशबाग निवासी सतनाम सिंह लवी ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के विरोध में पीजीआई थाने में केस दर्ज करवाया है.

मिली जानकारी के मुताबिक, जो भी लोग रामचरितमानस की प्रतियां जलाने में शामिल थे उन सभी को आरोपी बनाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों लखनऊ में स्वामी प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में ओबीसी सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस में जो लोग शामिल थे उन्ही में से कुछ लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थी.

यह भी पढ़ें...

स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था रामचरितमानस पर विवादित बयान

समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए कहा था, ”रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है. यह ‘अधर्म’ है, जो न केवल भाजपा बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है.” मौर्य ने आगे कहा था, ‘रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं.” उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं.

रामचरितमानस विवाद पर अखिलेश यादव ने तोड़ी चुप्पी, सीएम योगी को दी ये चुनौती

    follow whatsapp