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कानपुर में ब्लास्ट किसने कराया? सोशल मीडिया पर कोई भी अफवाह शेयर करने से पहले पूरा सच जान लीजिए

हर्ष वर्धन

Kanpur Blast Fact Check: कानपुर में हुए विस्फोट के बाद सोशल मीडिया पर फैली RSS सदस्यों की गिरफ्तारी की खबर झूठी निकली. पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह धमाका अवैध पटाखों के भंडारण से हुआ था न कि किसी साजिश से. पुलिस ने अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करने की अपील की है.

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Kanpur Blast
कानपुर ब्लास्ट की एक तस्वीर.
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Kanpur Blast Fact Check: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते दिनों एक विस्फोट हुआ. मूलगंज थाना क्षेत्र में 8 अक्टूबर की शाम मिश्री बाजार में एक खिलौने की दुकान के सामने हुए इस विस्फोट को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं. सोशल मीडिया पर इस विस्फोट को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. एक दावा तो यहां तक सामने आया है कि पुलिस ने इस 'बम विस्फोट' के सिलसिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 3 सदस्यों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. सोशल मीडिया पर इस दावे के सामने आने के बाद कानपुर पुलिस और इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने इस दावे की हकीकत बताई है. 

सबसे पहले जानिए सोशल मीडिया किसने और क्या किया दावा?

कानपुर में घटी घटना के बाद Sheikh Hamdan Ali Khalili नाम के एक सोशल मीडिया हैंडल ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक सनसनीखेज दावा दिया. इस हैंडल ने पोस्ट करते हुए कहा कि कानपुर पुलिस ने मिश्री बाजार में हुए बम विस्फोट के संबंध में 3 RSS सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इस पोस्ट में एक स्क्रीनशॉट शेयर किया गया है और यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि यह खबर इंडिया टुडे ने प्रकाशित की है. 

पुलिस ने बताई ये सच्चाई

कानपुर पुलिस ने आधिकारिक बयान जारी कर इन सभी अफवाहों का खंडन किया है और लोगों से केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करने की अपील की है. 

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पुलिस ने बताया है कि यह घटना स्थानीय थी और पटाखों के अवैध भंडारण में हुए विस्फोट के कारण हुई. इस घटना का किसी भी आतंकवादी, उग्रवादी, चरमपंथी समूह या खालिस्तानी संगठन से कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने यह भी साफ किया है कि घटना में RSS या किसी अन्य राजनैतिक दल की न तो कोई संलिप्तता पाई गई है और न ही किसी भी ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने अवैध भंडारण के आरोप में अब्दुल बिलाल नामक एक शख्स के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है. 

इसके साथ ही पुलिस ने भ्रामक खबर फैलाने वाले फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है. लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें. 

इस दावे पर इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने क्या कहा?

इस भ्रामक दावे की पोल खोलते हुए इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने कहा, "यह स्क्रीनशॉट फर्जी है. इंडिया टुडे ने यह लेख कभी प्रकाशित नहीं किया. पुलिस ने अब्दुल बिलाल नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ अवैध रूप से पटाखे रखने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है."

8 अक्टूबर को क्या हुआ था कानपुर में?

मालूम हो कि 8 अक्टूबर 2025 की शाम को कानपुर के मूलगंज थाना क्षेत्र के मिश्री बाजार में एक खिलौने की दुकान के सामने एक जोरदार विस्फोट हुआ था. यह विस्फोट दुकान में पटाखों के अवैध भंडारण के कारण हुआ. घटना में कुल 8 लोग घायल हुए थे. 

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