यूपी में मदरसों के सर्वे का काम पूरा, सभी 75 जिलों से सरकार को भेजी गई रिपोर्ट

आशीष श्रीवास्तव

• 09:49 AM • 15 Nov 2022

उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है. इस दौरान 75 जिलों से रिपोर्ट आ गई है. लगभग 8496 मदरसे गैर…

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उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है. इस दौरान 75 जिलों से रिपोर्ट आ गई है. लगभग 8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त पाए गए हैं, जबकि 16517 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. अकेले लखनऊ में 111 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं, जबकि 171 मदरसे मान्यता प्राप्त मिले हैं.

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जानकारी के मुताबिक, पिछले एक महीने से मदरसों का सर्वे किया जा रहा था, जिसमें प्रत्येक जिले से जिला अधिकारी स्तर पर एक रिपोर्ट शासन ने मांगी थी कि कौन से मदरसे मान्यता प्राप्त है और कौन से मदरसे गैर मान्यता प्राप्त है. इसके लिए 11 पॉइंट की जानकारी भी मदरसों से मांगी गई थी. इस जानकारी में फंडिंग के सोर्स क्या है? मदरसे की बिल्डिंग किराए की है या अपनी? वहां पढ़ने वाले बच्चों की संख्या, साफ-सफाई और जल की व्यवस्था जैसे कई पॉइंट थे.

हालांकि, पूरा सर्वे आज 15 नवंबर तक पूरा कर लिया गया है, जिसमें सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है.

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी के मुताबिक, मदरसों का सर्वे किसी मदरसा के खिलाफ कार्रवाई करना नहीं था. हम मदरसों के आंकड़े जुटाना चाह रहे थे कि कितने मदरसे मान्यता प्राप्त हैं और कितने गैर मान्यता प्राप्त हैं. उसके हिसाब से सरकार की जो योजनाएं हैं उन तक कैसे पहुंचाई जाएं, यह सुनिश्चित करना था. मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि जो गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी.

वहीं सर्वे के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा एसोसिएशन से जुड़े लोग अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे. मदरसा एसोसिएशन की मांग है कि जो मदरसे गैर मान्यता प्राप्त सर्वे में आए हैं, उनके खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई न करे. उनको काफी समय से मान्यता नहीं दी गई थी. 2017 से जब से बीजेपी सरकार बनी है किसी भी मदरसे को मान्यता नहीं दी गई है, तो ऐसे में उनको मान्यता दी जाए. इसके साथ-साथ जो मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक हैं, उनके वेतन को लेकर काफी परेशानियां दूर की जाएं.

हालांकि गैर मान्यता प्राप्त मदरसा संचालकों से हमने बातचीत की थी तो इस दौरान उन्होंने बताया था कि उनके पास बैठने की व्यवस्था नहीं है, इस वजह से वह टेम्पररी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर पढ़ाई करवा रहे हैं और आने वाले समय में जैसे उनके पास जगह हो जाएगी, वह वहां मदरसे को शिफ्ट करा देंगे. ऐसे में उनका कहना है कि सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध कराएं.

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