उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सेंगर की सजा पर रोक लगाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर ही रोक लगा दी है. अब कुलदीप सिंह सेंगर बेल पर बाहर नहीं आ पाएगा. अब कुलदीप सिंह सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने इस फैसले के बाद न्याय व्यवस्था और समाज के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाए . ऐश्वर्या सिंह सेंगर सामने आई हैं और उन्होंने हाथ जोड़कर कहा है कि उनका परिवार कोई दरिंदा नहीं है, बल्कि अपना पक्ष रखने का हकदार है. यह बयान ठीक उस वक्त आया है जब सेंगर की सजा, जमानत और पूरे केस पर देशभर में बहस फिर तेज हो गई है.
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ऐश्वर्या ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनके पक्ष को पर्याप्त रूप से सुने जाने का मौका नहीं दिया गया. इंडिया टुडे टीवी से विशेष बातचीत में ऐश्वर्या सेंगर ने यह भी आरोप लगाया कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने अपने बयान में कई बार बदलाव किया है. खासकर घटना के समय को लेकर. ऐश्वर्या के मुताबिक, कभी 2 बजे, कभी 6 बजे और बाद में 8 बजे, समय लगातार बदला गया, लेकिन इन विरोधाभासों पर कार्यवाही के दौरान ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि उनके वकीलों को भी आज की सुनवाई में मामले के मेरिट पर बहस करने की इजाज़त नहीं दी गई.
ऐश्वर्या सेंगर ने इस बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से भी बात की है, जिसपर आधारित यूपी Tak की वीडियो रिपोर्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है.
ऐश्वर्या सिंह सेंगर ने कहा कि उनका परिवार लगातार ट्रोलिंग और नफरत का सामना कर रहा है, जबकि अदालत में लड़ना उनका संवैधानिक अधिकार है. वीडियो में ऐश्वर्या हाथ जोड़कर कहती दिखती हैं कि पूरे परिवार को हत्यारा और दरिंदा कहकर पेश किया जा रहा है, जबकि वे भी इंसान हैं और इस पूरे प्रकरण से उनकी पढ़ाई, करियर और सामाजिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. वह कहती हैं कि उनके पिता के खिलाफ जिस तरह की सार्वजनिक छवि बनाई गई, उससे पूरा परिवार सामाजिक बहिष्कार झेल रहा है और उन्हें कहीं भी सामान्य नागरिक की तरह देखा नहीं जाता.
ऐश्वर्या इंटरव्यू में फिर वही पुराना दावा दोहराती हैं कि उन्नाव रेप केस साजिश था और उन्होंने पीड़िता पर झूठे आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए पूरा मामला खड़ा किया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता के परिवार और उनसे जुड़े लोगों ने मीडिया और राजनीति का इस्तेमाल कर सेंगर परिवार को राक्षस के रूप में स्थापित कर दिया, जबकि अदालत में उनके पक्ष की पूरी सुनवाई नहीं हुई.
ऐश्वर्या कहती हैं कि उनका परिवार सिर्फ इतना चाहता है कि केस की सुनवाई तथ्यों के आधार पर हो और उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका मिले, न कि सोशल मीडिया ट्रायल के आधार पर फैसला हो. वह यह भी कहती हैं कि पूरे मामले में उनके पिता की छवि महिला विरोधी, वहशी आदमी के रूप में बना दी गई, जबकि वे खुद बचपन से उन्हें एक जिम्मेदार पिता और जनप्रतिनिधि के रूप में देखती आई हैं.
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