उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध नशे के सौदागरों के खिलाफ अपनी 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत देश का सबसे बड़ा क्रैक डाउन किया है. यूपी सरकार का दावा है कि सीएम योगी के सीधे निर्देश पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने कोडीनयुक्त कफ सिरप की समानांतर सप्लाई चेन को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. पिछले तीन महीनों से चल रहे इस गुप्त और सघन अभियान में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
ADVERTISEMENT
52 जिलों में ताबड़तोड़ छापेमारी, 161 फर्मों पर FIR
यूपी सरकार के मुताबिक सीएम का निर्देश मिलने के बाद FSDA की टीमों ने प्रदेश के 52 जिलों में 332 से अधिक थोक औषधि केंद्रों पर एक साथ छापा मारा. इस दौरान 161 फर्मों और संचालकों के खिलाफ BNS और NDPS एक्ट की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि 36 जनपदों में कोडीन सिरप के अवैध डायवर्जन (कालाबाजारी) का खेल सरेआम चल रहा था.
झारखंड से हिमाचल तक फैला था नेटवर्क
इस बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए FSDA की टीमों ने यूपी के बाहर भी जाल बिछाया. टीम ने झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में जाकर विवेचना की. जांच में सामने आया कि दिल्ली और रांची के सुपर स्टॉकिस्ट यूपी के कुछ चिन्हित होलसेलर्स के साथ मिलकर कफ सिरप और NDPS श्रेणी की दवाओं की एक अवैध पैरेलल सप्लाई चेन चला रहे थे.
700 करोड़ की संदिग्ध आपूर्ति, पानी की तरह बहाई गई सिरप
जांच के दौरान साल 2024-25 के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप की आपूर्ति वास्तविक चिकित्सीय जरूरत से कई गुना अधिक पाई गई.
फेन्सिडिल (ऐबोट हेल्थ केयर): 2.23 करोड़ से अधिक बोतलें.
एस्कॉफ (लैबोरेट फार्मा): 73 लाख से अधिक बोतलें.
अन्य कंपनियां: लगभग 25 लाख बोतलें.
कुल मिलाकर 700 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध आपूर्ति जांच के घेरे में है, जिसका कोई चिकित्सीय प्रमाण नहीं मिला है.
पुलिस और STF का शिकंजा, 85 गिरफ्तार
FSDA की रिपोर्ट के बाद पुलिस और STF ने एक्शन मोड में आते हुए अब तक 79 केस दर्ज किए हैं और 85 अभियुक्तों को सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी आरोपियों की अरेस्ट स्टे वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है. योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को इन दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने और उनकी अवैध संपत्ति जब्त करने के भी निर्देश दिए हैं.
अब और सख्त होंगे नियम: FSDA का नया प्रस्ताव
भविष्य में इस तरह के अवैध कारोबार को रोकने के लिए FSDA ने शासन को कड़े प्रस्ताव भेजे हैं. इनमें -
जियो टैगिंग: थोक औषधि प्रतिष्ठानों की जीओ टैगिंग अनिवार्य होगी.
भंडारण क्षमता: गोदामों की क्षमता का सत्यापन और उनकी फोटोग्राफी कराई जाएगी.
सत्यापन: टेक्निकल पर्सन के अनुभव प्रमाण पत्र की ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा गहन जांच की जाएगी.
ट्रैकिंग: कोडीन सिरप की बल्क सप्लाई और निगरानी के लिए भारत सरकार से नई अधिसूचना जारी करने का आग्रह किया जाएगा.
यूपी सरकार का दावा है कि वो नशे के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता करने को तैयार नहीं है. वर्तमान में गठित SIT अपनी जांच जारी रखे हुए है और अगले महीने अपनी अंतिम रिपोर्ट सीएम योगी को सौंप सकती है. कहा जा रहा है कि इसके बाद कई और बड़े नामों पर गाज गिरना तय है.
ये भी पढ़ें: यूपी में 1 जनवरी तक बंद रहेंगे 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल, बढ़ती ठंड के बीच सीएम योगी ने कर दिया ये ऐलान
ADVERTISEMENT









