SIR में काम कर रहे लेखपाल सुधीर की 30 घंटे बाद उठ पाई बॉडी, सगाई की ये तस्वीर देख देख चीत्कार कर रहा परिवार
सुधीर कुमार की आज यानी 26 नवंबर को शादी होने वाली थी. लेकिन शादी से ठीक एक दिन पहले उसकी मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है. सुधीर की मौत का जिम्मेदार परिजनों ने काननूगो शिवराम को ठहराया है और लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं. ऐसे में आज करीब 30 घंटे के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
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यूपी के फतेहपुर जिले में लेखपाल सुधीर कुमार की मौत लगातार चर्चा में बनी हुई है. 25 साल के लेखपाल सुधीर कुमार अपने कमरे में फांसी लगाकार मंगलवार के दिन अपनी जान दे दी. सुधीर कुमार की आज यानी 26 नवंबर को शादी होने वाली थी. लेकिन शादी से ठीक एक दिन पहले उसकी मौत ने पूरे परिवार को तोड़कर रख दिया है. सुधीर की मौत का जिम्मेदार परिजनों ने काननूगो शिवराम को ठहराया है. परिजनों का आरोप है कि काननगो शिवराम लगातार उसे हड़का रहा था जिससे परेशान होकर उसने अपनी जान दे दी. सुधीर की मौत के बाद परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे थे और उसकी डेड बॉडी को उठाने नहीं दे रहे थे. लेकिन आज करीब 30 घंटे बाज मृतक लेखपाल के शव को जिला प्रशासन ने उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने इस मामले में कानूनगो शिवराम सहित एक अज्ञात के खियाफ मुकदमा दर्ज किया है. हालांकि मृतक सुधीर कुमार की बहन पुलिस की इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. मृतक लेखपाल सुधीर कुमार की बहन का कहना है कि 'सिर्फ कानूनगो सहित एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. लेकिन एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.'
कौन है सुधीर कुमार
सुधीर कुमार बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के खजुहा कस्बा का रहने वाला है. सुधीर की नियुक्ति लेखपाल के तौर पर हुई थी. इन दिनों सुधीर SIR काम को लेकर बिजी चल रहा था. आरोप है कि SIR को लेकर उसके ऊपर कानूनगो की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा था. सुधीर की शादी आज 26 नवंबर को होने वाली थी. लेकिन आज उसकी डेड बॉडी घर से उठता देख परिवार में मातम पसरा हुआ है. बता दें कि सुधीर की शादी 6 महीने पहले सीतापुर की काजल के साथ तय हुई थी. दोनों की सगाई भी हो चुकी थी जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. इस तस्वीर में सुधीर अपनी होने वाली पत्नी काजल की हाथों में हाथ डालकर खुशी-खुशी बैठा था. सुधीर और काजल की शादी को लेकर परिवार के लोग भी काफी खुश थे. लेकिन शादी से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को सुधीर ने कमरा बंद कर अपनी जान दे दी. सुधीर की मौत का जिम्मेदार परिजनों ने कानूनगो पर लगाया था. ऐसे में परिवार के लोग न्याय की मांग कर रहे थे. इस वजह से वह सुधीर की डेड बॉडी को उठने नहीं दे रहे थे. हालांकि आज करीब 30 घंटे बाद परिवार के सदस्यों को समझाबुझाकर उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
हालांकि मृतक सुधीर कुमार की बहन पुलिस की इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. मृतक लेखपाल सुधीर कुमार की बहन का कहना है कि 'सिर्फ कानूनगो सहित एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. लेकिन एसडीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.'
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बहन अमृता ने लगाए ये आरोप
लेखपाल की बहन अमृता उर्फ रोशनी ने बताया कि सुधीर के ऊपर कानूनगो की तरफ से काम को लेकर दबाव बनाया जा था. अमृता ने बताया कि शादी के लिए उसने छुट्टी का एप्लिकेशन दिया था. लेकिन उसे छुट्टी नहीं दी गई. इस बीच उसने एक दिन की छुट्टी ले ली तो उसे सस्पेंड कर दिया गया जिसका उसे सदमा लगा था. बहन के आरोप के मुताबिक आज सुबह भी कानूनगो ने घर आकर सुधीर को हड़काया था. बहन का कहना है कि ना कानूनगो घर आता और ना सुधीर फांसी लगाया होता.' वही सुधीर के अन्य सदस्यों का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए. जब तक न्याय नहीं मिलता है तब तक सुधीर की बॉडी नहीं जाएगी.
फिलहाल इस मामले में पुलिस ने सुधीर के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. वहीं कानूनगो शिवराम सहित एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्जकर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.











