लेटेस्ट न्यूज़

गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद कृष्ण कुमार ने जीता तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड, क्या है इन पुरस्कारों का मकसद... कौन देता है इन्हें?

यूपी तक

11वें तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स की घोषणा हो गई है. इस बार गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी कृष्ण कुमार को पेंटिंग कैटेगरी में कॉन्सोलेशन प्राइज से दिया गया है.

ADVERTISEMENT

Photo Credit: Tinka Tinka Prison Reforms
Photo Credit: Tinka Tinka Prison Reforms
social share
google news

Gautambudhh Nagar News: मानवाधिकार दिवस के मौके पर राष्ट्रीय तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स की घोषणा की गई. यह इन अवॉर्ड्स का 11वां साल था. तिनका तिनका की संस्थापक डॉ. प्रोफेसर (डॉ.) वर्तिका नन्दा ने इन अवॉर्ड्स की शुरुआत की है. इस बार देशभर की जेलों से कुल 18 कैदियों को सम्मानित किया गया. इन 18 विजेताओं में से 13 सजायाफ्ता और 5 विचाराधीन बंदी हैं. इस बार उत्तर प्रदेश के लिए एक विशेष उपलब्धि रही क्योंकि गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी कृष्ण कुमार को पेंटिंग कैटेगरी में कॉन्सोलेशन प्राइज (सांत्वना पुरस्कार) से नवाजा गया. कृष्ण कुमार (44) अपनी पत्नी के साथ गौतम बुद्ध नगर की जेल में बंद हैं. डॉ. वर्तिका नन्दा ने कहा कि इन अवॉर्ड्स के जरिए वह जेलों में सकारात्मक माहौल और बंदियों के जीवन में बदलाव लाना चाहती हैं.

क्या थी पेंटिंग कैटगरी की थीम?

इस साल पेंटिंग कैटेगरी का विषय 'जेल में संगीत' रखा गया था. इस कैटेगरी में 11 पुरुष और 2 महिलाओं सहित कुल 13 विजेताओं को सम्मानित किया गया.  इसके अलावा स्पेशल मेंशन कैटगरी में भी अवॉर्ड दिए गए. साथ ही तिनका तिनका बंदिनी अवॉर्ड की भी घोषणा की गई. 

जूरी में कौन-कौन था शामिल?

जूरी सदस्यों में (सेवानिवृत्त) आईपीएस अरविंद कुमार, आईएएस डॉ. रश्मि सिंह (सचिव, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, दिल्ली सरकार) और तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक प्रोफेसर वर्तिका नन्दा शामिल थीं. तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स भारत का एकमात्र ऐसा मंच है जो जेल के बंदियों, कारागार स्टाफ की प्रतिभा और योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करता है. इन अवॉर्ड्स का मकसद जेलों में सकारात्मक बदलाव लाना है. तिनका तिनका फाउंडेशन पिछले 10 सालों में 50 से अधिक जेल प्रशासकों और 170 बंदियों को सम्मानित कर चुका है. 

यह भी पढ़ें...

कौन हैं प्रोफेसर नन्दा? 

प्रोफेसर वर्तिका नन्दा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं. वह जेल रेडियो, पॉडकास्ट और शोध कार्यों के माध्यम से जेल सुधारों के लिए जानी जाती हैं. उनके शोध कार्य 'भारतीय जेलों में महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्थिति' को ICSSR द्वारा 'उत्कृष्ट' माना गया था और उनके कार्यों का उल्लेख 2018 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश में भी किया गया है. डॉ. वर्तिका नन्दा को भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. डॉ. नन्दा का नाम Limca Book of Records में भी दो बार दर्ज किया गया है. तिनका तिनका तिहाड़, तिनका तिनका डासना, तिनका तिनका मध्य प्रदेश और रेडियो इन प्रिजन डॉ. नन्दा की वो किताबें हैं जो अक्सर चर्चा के केंद्र में रहती हैं. 

ये भी पढ़ें: 27.5 लाख रुपये में बिका नोएडा का ये VIP नंबर! इसमें ऐसा क्या खास, किसने खरीदा सब जानिए

    follow whatsapp