Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के लिए अरुण योगी राज की मूर्ति का चयन, जानें कौन हैं ये मूर्तिकार?

यूपी तक

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अरुण योगी राज की मूर्ति का चयन प्राण प्रतिष्ठा के लिए हुआ है.

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अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच राम मंदिर ट्रस्ट ने बता दिया है कि राम मंदिर में कौन सी मूर्ति स्थापित की जाएगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी है कि कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का चयन भगवान श्री रामलला सरकार के श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित होने के लिए किया गया है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अरुण योगी राज की मूर्ति का चयन प्राण प्रतिष्ठा के लिए हुआ है.

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अरुण योगीराज की तारीफ करते हुए चंपत राय ने कहा कि कई पीढ़ियों से उनके परिवार में मूर्ति निर्माण का कार्य चल रहा है. केदारनाथ में शंकराचार्य जी की प्रतिमा और दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी इसी नौजवान ने बनाई है. अरुण बहुत कम उम्र का है. वो अत्यंत विनम्र और हंसमुख है. जिस तरह से उसने यह जीवन जिया है, आप सोच नहीं सकते. उसने अपने परिवार से 15-15 दिन बात तक नहीं की. ट्रस्ट उसकी एकाग्रता और काम की प्रशंसा करता है.

गौरतलब है कि साल 1949 से श्रद्धालु रामलला की प्रतिमा वाले अस्थायी मंदिर में पूजा-अर्चना करते रहे हैं. इस मंदिर को भी मंदिर निर्माण के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था, जो 2019 में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू हुआ. शीर्ष अदालत ने अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद का निपटारा किया था.

बता दें कि नए मंदिर में लगने वाली मूर्ति पर तीन मूर्तिकार काम कर रहे थे. उन्होंने अलग-अलग पत्थरों पर अलग-अलग काम करके मूर्तियां बनाई हैं. उनमें दो के लिए पत्थर कर्नाटक से आए थे. तीसरी मूर्ति राजस्थान से लाई गई चट्टान से बनाई जा रही थी.

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