70 गाड़ियों में 300 पुलिसवालों के साथ बरेली में घुस आए उत्तराखंड के SSP मणिकांत मिश्रा, दीवार फांद घरों में घुसे जवान पर क्यों?

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले की पुलिस ने फिल्मी अंदाज में 70 गाड़ियों और 300 पुलिसकर्मियों के साथ यूपी के बरेली जिले में छापेमारी की. यह कार्रवाई फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के अगरास गांव में की गई, जहां मादक पदार्थ तस्करी के आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी गई.

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Uttarakhand SSP Manikant Mishra entered Bareilly with 70 vehicles and 300 policemen
बरेली में उत्तराखंड के SSP मणिकांत मिश्रा 70 गाड़ियों और 300 पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचे.
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उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले की पुलिस ने फिल्मी अंदाज में 70 गाड़ियों और 300 पुलिसकर्मियों के साथ यूपी के बरेली जिले में छापेमारी की. यह कार्रवाई फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के अगरास गांव में की गई, जहां मादक पदार्थ तस्करी के आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी गई. खास बात यह रही कि इस छापेमारी की जानकारी न तो यूपी पुलिस को दी गई थी और न ही बरेली के किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को.

बिना सूचना के कार्रवाई, बरेली पुलिस को भनक तक नहीं

उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में आई इस टीम में फॉरेंसिक, दंगा नियंत्रण, महिला पुलिस और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे. गांव में भारी पुलिस बल देखकर लोग दहशत में आ गए. इस दौरान पुलिस ने 16 संदिग्धों को हिरासत में लिया, लेकिन किसी तरह की अवैध बरामदगी नहीं हुई. पूछताछ के बाद 15 लोगों को रिहा कर दिया गया, जबकि एक आरोपी को जेल भेजा गया.

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बरेली पुलिस ने इस छापेमारी को लेकर नाराजगी जताई है. जिले के एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि "उत्तराखंड पुलिस ने बरेली पुलिस को इस कार्रवाई की कोई पूर्व सूचना नहीं दी थी. स्थानीय थाना और वरिष्ठ अधिकारियों को भी अंधेरे में रखा गया, जो कि पुलिसिंग के मानकों के खिलाफ है." उन्होंने पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है.

बरेली में पहली बार बाहरी राज्य की इतनी बड़ी कार्रवाई

बरेली पुलिस के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में जिले में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1357 मुकदमे दर्ज किए गए और लगभग 1500 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. अकेले फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में 176 मुकदमे दर्ज हुए और 200 लोग जेल भेजे गए.

इस दौरान पुलिस ने 116 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की और अवैध मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की. 2025 में अब तक 69 दिनों में 51 मुकदमे दर्ज कर 103 अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है.

8 महीने में 72 अपराधियों को लगी गोली

बरेली में अपराधियों के खिलाफ पुलिस का कड़ा रुख जारी है. पिछले 8 महीनों में 72 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में घायल होकर जेल भेजे गए हैं. कई अन्य राज्यों की पुलिस भी बरेली में बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश देती रही है, लेकिन बिना सूचना के इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है.

उत्तराखंड पुलिस के एक्शन पर सवाल

उत्तराखंड पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसी राज्य की पुलिस को बिना पूर्व सूचना के दूसरे राज्य में इतनी बड़ी कार्रवाई करने का अधिकार है? बरेली पुलिस के उच्च अधिकारी इस मामले को लेकर राज्य सरकार से भी बातचीत कर रहे हैं. इस मामले में आगे क्या कानूनी कार्रवाई होगी, यह देखना दिलचस्प होगा. 

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