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यूपी के 12200 गांवों को मिलेगी बस कनेक्टिविटी, एयरपोर्ट जैसे बनाए जा रहे 23 Bus स्टेशन, पूरा प्लान जानिए

यूपी तक

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जोड़ने के लिए बड़ा अभियान शुरू किया है. अगले एक साल में 12,200 गांवों तक रोडवेज बसें चलाई जाएंगी. साथ ही, 23 बस स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा और 45 जिलों में इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत होगी.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण कनेक्टिविटी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब तक जहां रोडवेड सेवा नहीं पहुंची है, प्रदेश के ऐसे 12200 गांवों को अगले एक साल में परिवहन सुविधा से जोड़ दिया जाएगा. यूपी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बलिया में ये जानकारी दी है. 

गांवों तक पहुंचेगी बस सेवा

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने बताया कि राज्य परिवहन निगम का विस्तार तेजी से किया जा रहा है. जिन गांवों में अब तक बसें नहीं चल रही थीं, वहां साल भर के भीतर बस सेवा उपलब्ध करा दी जाएगी. उनका कहना है कि यूपी परिवहन नीति के मामले में देश का अग्रणी राज्य बन गया है. 

एयरपोर्ट जैसे बनेंगे 23 बस स्टेशन

दयाशंकर सिंह ने बताया कि 23 बस स्टेशनों का निर्माण एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जा रहा है. इनमें से कई पर तेजी से काम चल रहा है.

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⦁    लखनऊ के गोमतीनगर बस स्टेशन को ‘देश का सबसे खूबसूरत बस स्टेशन’ बताया जा रहा है.

⦁    करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत से चारबाग बस अड्डे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है.

⦁    इसके अलावा 54 और बस स्टेशनों को अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है.

इलेक्ट्रिक बसें भी पहुंचेंगी यूपी के गांवों तक

अब तक इलेक्ट्रिक बसें केवल शहरों में चल रही थीं, लेकिन सरकार ने इन्हें इंटर-सिटी और ग्रामीण रूट्स पर भी शुरू करने का प्लान बनाया है. पहले चरण में 45 जिलों में इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी. दूसरे चरण में यह सुविधा पूरे 75 जिलों में उपलब्ध होगी.

डिजिटल सुविधाएं भी जुड़ीं

प्रदेश में 1.5 लाख जन सेवा केंद्रों को परिवहन विभाग से जोड़ा गया है. अब लोग मात्र 30 रुपये शुल्क देकर यहां से 49 तरह की परिवहन सेवाएं ले सकते हैं. इससे लोगों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. परिवहन मंत्री ने बताया कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, तब रोडवेज के पास केवल 8,500 बसें थीं. अब यह संख्या बढ़कर 14,000 से अधिक बसों तक पहुंच गई है. वर्तमान में रोडवेज बसों की औसत उम्र 5.25 साल है, जो अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर मानी जा रही है.

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