चित्रकूट में होगा ‘हिंदू एकता महाकुंभ’ का आयोजन, RSS प्रमुख मोहन भागवत होंगे मुख्य अतिथि

संतोष बंसल

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बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने के लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने 14 से 16 दिसंबर तक चित्रकूट में ‘हिंदू एकता महाकुंभ’ के नाम से कार्यक्रम कराने का निर्णय लिया है. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम अपने आप में बेहद भव्य होगा. राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे.

चित्रकूट में आयोजित होने जा रहे हिंदू एकता महाकुंभ में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की बात कही जा रही है, लेकिन इस कार्यक्रम में वह प्रदेश मुख्यमंत्री के रूप में नहीं बल्कि नाथ संप्रदाय के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होंगे.

इस कार्यक्रम में देश के नामचीन संत श्री श्री रवि शंकर, श्री चिदानंद मुनि, श्री रामानुजाचार्य, कैलाशानंद गिरी जी महाराज, गुरू कार्ष्णि महाराज से लेकर दक्षिण भारत के रामानुजाचार्य चिन्ना जीयर स्वामी और पेजावर मठ के प्रमुख श्री विश्वप्रसन्न तीर्थ, स्वामी राम देव सहित अनेक लब्ध प्रतिष्ठ संत गण उपस्थित रहेंगे.

वहीं बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा, गीतकार मनोज मुंतशिर, लोकगायक मनोज तिवारी, मालिनी अवस्थी, कवि कुमार विश्वास जैसी नामचीन हस्तियां इस विश्व हिंदू महाकुंभ में शामिल होंगी. इसके अलावा तमाम टेक्नोक्रेट और ब्यूरोक्रेट को भी न्योता भेजा गया है. यह सभी अपने-अपने क्षेत्र में हिंदुओं के प्रति चल रही विषमताओं पर चर्चा करेंगे. इस कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य हिंदू एकता पर चिंतन करना है.

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दावा किया जा रहा है कि इस महाकुंभ में देश भर से 5 लाख हिंदू शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले चित्रकूट में हो रहा यह हिंदू महाकुंभ को विपक्षी पार्टियों के लोग भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रायोजित मान रहे हैं.

पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित संत जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज ने ‘लव जिहाद और कश्मीर में हिंदुओं के प्रति हिंसा’ के बढ़ते मामलों को चिंताजनक बताया.

उन्होंने कहा, “चित्रकूट में विश्व हिंदू महाकुंभ के आयोजन के लिए बारह बिंदुओं का एक एजेंडा तय किया गया है. हिंदू आज विघटित हो रहा है. भिन्न-भिन्न जातियों में संप्रदायों में धर्मों में पंथो में. उन विघटित हिंदुओं को हमें एक करना है. हमारे मठ-मंदिर अधिग्रहित किए जा रहे हैं और विधर्मियों को कुछ नहीं हो रहा है.”

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उन्होंने कहा, “लव जिहाद के नाम पर हमारी बहन-बेटियों को फंसाया जा रहा है. उस पर हम विचार करेंगे. अब हम नहीं सहन करेंगे. लव जिहाद के नाम पर बहुत बड़ा अनर्थ हो रहा है.”

जगदगुरू रामभद्राचार्य ने कहा, “हिंदुओं को अधिकार नहीं मिल रहे हैं. हम अपने मंदिर-मठों में नहीं रह पा रहे हैं. कश्मीर और बंगाल में क्या हो रहा है, आप देख ही रहे हैं केवल नाम पूछते ही गोली मार दी जा रही है. यह सब उत्पीड़न अब नहीं सहन होगा. हम ऐसा कार्यक्रम करने जा रहे हैं जो चित्रकूट में कभी हुआ नहीं था और मेरे अतिरिक्त कोई कर भी नहीं सकता है.”

चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज द्वारा स्थापित तुलसीपीठ के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास ने बताया कि इस तीन दिवसीय आयोजन में श्री हनुमान महायज्ञ, रुद्राभिषेक, श्री राम का राज्याभिषेक और रामलीला का मंचन होगा.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य देश के तमाम संतों, मनीषियों, विचारकों और कलाकारों से जाकर खुद मुलाकात कर उन्हें कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया है. साथ ही शहर से लेकर गांव तक न्योता बांटने का काम किया जा रहा है.

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आचार्य रामचंद्र दास ने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन के लिए 12 बिंदुओं का एजेंडा तय किया गया है. इस एजेंडे पर देश भर से आए हिंदुओं से चर्चा की जाएगी और हम संत अपनी इच्छाओं से सरकार को एक डॉक्यूमेंट के जरिए बताएंगे, ताकि सरकार उस पर अमल कर सके.

उन्होंने बताया कि इस आयोजन में बॉलीवुड से जुड़े लोगों को बुलाने के पीछे सिर्फ एक उद्देश्य है कि अभी तक फिल्मों के जरिए हिंदू धर्म को उपेक्षित किया जाता रहा है. अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी हिंदू धर्म को लेकर गलत कंटेंट परोसा जा रहा है. ऐसे में हम लोग बताएंगे कि आखिर यह समस्या क्यों है और इसका समाधान क्या है.

क्या हैं इस महाकुंभ के सियासी मायने?

अगले साल 2022 में देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसमें यूपी का चुनाव बीजेपी और आरएसएस के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. जानकारों का मानना है कि इस हिंदू महाकुंभ के जरिए एक बार फिर प्रदेश के हिंदुओं को चुनाव में एकजुट करने का मैसेज दिया जाएगा.

कौन हैं स्वामी रामभद्राचार्य

मूलरूप से जौनपुर जिले में जन्मे स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के बचपन का नाम गिरधर मिश्र था. कुशाग्र बुद्धि वाले गिरधर ने छोटी उम्र में ही बीमारी के चलते आंखों की रोशनी गवां देने के बावजूद अपने आत्मविश्वास में कोई कमी नहीं आने दी.

उन्होंने संस्कृत भाषा से उच्च शिक्षा हासिल कर राम कथा करना प्रारम्भ कर दिया. आज स्वामी रामभद्राचार्य महाराज का नाम देश के शीर्ष राम कथा व्याख्याता के रूप में लिया जाता है. अपनी राम कथाओं से एकत्रित रुपये से दिव्यांगों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए उन्होंने चित्रकूट में दिव्यांग विश्वविद्यालय स्थापित किया है.

जगत गुरु रामभद्राचार्य महाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी माने जाते हैं.

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