सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- ‘ब्राह्मण खुद कष्ट भोगते हैं लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते’
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लगभग हर बडे़ राजनीतिक दल का ब्राह्मण वोटरों पर खास जोर दिख रहा है.…
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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले लगभग हर बडे़ राजनीतिक दल का ब्राह्मण वोटरों पर खास जोर दिख रहा है. इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 14 नवंबर को लखनऊ में ब्राह्मण परिवार के 16वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जब हम ब्राह्मण की बात करते हैं तो एक संकल्पना अपने आप सबके सामने आ जाती है, ब्राह्मण का मतलब संस्कार, संस्कृति और धर्म से है, वे स्वयं कष्ट भोगते हैं लेकिन धर्म पर आंच नहीं आने देते हैं.
सीएम योगी ने कहा कि जिसने सम विषम परिस्थिति में धर्म को नहीं छोड़ा, वही ब्राह्मण है, समाज इन मूल्यों के कारण उनके प्रति सम्मान का भाव रखता है.
इस दौरान उन्होंने बताया कि 2019 के प्रयागराज कुम्भ में हमने महर्षि भारद्वाज की प्रतिमा लगाई, जहां पर भगवान राम वन के लिए जाते समय और लौटते समय उतरते हैं वहां श्रद्धा व्यक्त करते हैं.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देवरिया में हमने मेडिकल कॉलेज बनाया, हमने वहां के मेडिकल कॉलेज का नाम महर्षि देवराहा बाबा के नाम पर रखा.
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उन्होंने कहा, “जिस अफगानिस्तान का संबंध रामायण काल और महाभारत काल से हमारे देश से है, जब उस देश पर तालिबान ने कब्जा किया, क्या उस तालिबान के कृत्यों का सभ्य समाज समर्थन कर सकता है. कोई नहीं कर सकता. करना भी नहीं चाहिए.”
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बिना नाम लिए उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा , “एक तरफ राष्ट्रनायक सरदार वल्लभभाई पटेल हैं और दूसरी तरफ खलनायक के रूप राष्ट्र तोड़ने वाले जिन्ना भी हैं. अगर कोई सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना जिन्ना से करने लग जाए तो ये वोट बैंक की निकृष्ट राजनीति होगी, जिसके लिए देश की कीमत पर राजनीति करना हो सकता है.”
उन्होंने कहा, “अगर सरदार पटेल से देश की रियासतों को एक साथ लाने में जरा भी गलती रह गई होती तो आज हमारे देश की क्या तस्वीर होती. आज ऐसे राष्ट्र नायक की तुलना जिन्ना से करके पूरी की पूरी पीढ़ी को अपमानित करने का काम हो रहा है.”
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जिन्ना को लेकर क्या बोले थे अखिलेश
दरअसल, जिन्ना को लेकर हालिया सियासत एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान के बाद तेज हुई है. बीजेपी अखिलेश के इस बयान को लेकर लगातार उन पर हमलावर है.
अखिलेश यादव ने 31 अक्टूबर को हरदोई की एक जनसभा में कहा था, “सरदार (वल्लभ भाई) पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़े और बैरिस्टर बनकर आए थे. एक ही जगह पर उन्होंने पढ़ाई-लिखाई की. वो बैरिस्टर बने. उन्होंने आजादी दिलाई.”
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जिन्ना का समर्थन करने वाले एक तरह से तालिबान का भी समर्थन कर रहे: CM योगी
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