क्या मोदी सरकार के मंत्री पंकज चौधरी बनेंगे यूपी BJP के प्रदेश अध्यक्ष? महाराजगंज से आने वाले इन कद्दावर नेता को जानिए
यूपी में भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर कयासबाजी तेज है. इस बीच महराजगंज से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम तेजी से आगे चल रहा है. क्या पंकज चौधरी के हाथों कमान जाएगी या फिर कोई और नेता भाजपा का यूपी में मुखिया बनेगा, इस बात का फैसला 14 दिसंबर को हो जाएगा.
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रविवार 14 दिसंबर को यह साफ हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश भाजपा का नया अध्यक्ष कौन बनेगा. भाजपा ने इसके लिए अपनी कवायद भी तेज कर दी है. दिन पर दिन यूपी बीजेपी के भीतर समीकरण भी तेजी से बदल रहे हैं. पहले साध्वी निरंजन ज्योति, फिर बीएल वर्मा तो अब केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री और महराजगंज से भाजपा सांसद पंकज चौधरी का नाम यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है. वह सात बार के भाजपा सांसद हैं. चर्चा तेज है कि भाजपा OBC समाज के किसी चेहरे को ही अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी. पंकज चौधरी कुर्मी बिरादरी (OBC) से आते हैं इसलिए उनका नाम अब साध्वी निरंजन ज्योति और बीएल वर्मा से भी आगे बताया जा रहा है. हालांकि भाजपा चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है. अगर इस बार भी भाजपा ने कोई हैरान करने वाला फैसला नहीं लिया तो पंकज चौधरी का प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है.
पंकज चौधरी का नाम क्यों चल रहा आगे?
पंकज चौधरी पूर्वांचल के मजबूत ओबीसी कुर्मी चेहरे माने जाते हैं. पंकज चौधरी का नाम उन नेताओं की लिस्ट में शामिल है जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी बताया जाता है. पीएम मोदी खुद पंकज चौधरी के घर जा भी चुके हैं. गुरुवार देर शाम को अचानक ही उनके नाम की चर्चा तेज हो गई. इससे पहले बीएल वर्मा के नाम की भी चर्चा तेज थी. बीएल वर्मा ओबीसी लोध बिरादरी से आते हैं. वह बदायूं के रहने वाले हैं. बीएल वर्मा भी मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं. इन दोनों नाम के पहले साध्वी निरंजन ज्योति का नाम भी चर्चा में आया था. वह मल्लाह निषाद जाति की हैं. ध्वी निरंजन ज्योति पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. यही नहीं धर्मपाल सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, बाबूराम निषाद जैसे कई दूसरे ओबीसी नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बताए जा रहे हैं.
कौन हैं पंकज चौधरी?
भाजपा के वरिष्ठ नेता पंकज चौधरी मौजूदा समय में वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद पर हैं. संसदीय राजनीति में उनका करियर तीन दशक से ज्यादा का है. 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में उनका जन्म हुआ था. गोरखपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रैजुएशन किया है.
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ऐसा रहा है पंकज चौधरी का सियासी सफर
पंकज चौधरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में की थी. वह उप महापौर भी रहे. 1991 में वह पहली बार भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश की महाराजगंज लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. अपनी कुशल राजनीति और क्षेत्रीय पकड़ के कारण वह इस सीट से 1996, 1998, 2004, 2014, 2019 और 2024 में सात बार सांसद चुने गए हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले उन्होंने संसद की कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य के रूप में भी काम किया है, जिनमें शामिल हैं:
- सार्वजनिक उद्यमों संबंधी समिति.
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और वन संबंधी स्थायी समिति.
- रेल संबंधी स्थायी समिति.
- ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति.
ऐसी होगी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया
इससे पहले गुरुवार शाम यह तय हो गया था कि 14 दिसंबर को बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा. प्रदेश चुनाव प्रभारी महेंद्र पांडे ने बताया कि 13 दिसंबर को चुनाव की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो जाएगी. दोपहर एक से दो बजे तक पार्टी के राज्य मुख्यालय पर नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे. केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े की मौजूदगी में प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचन कम लिए नामांकन पत्र लिया जाएगा. प्रदेश अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल द्वारा 14 दिसंबर को चुनाव की प्रकिया पूरी कर प्रदेश अध्यक्ष का निर्वाचन सम्पन्न कराया जाएगा.
फिलहाल नाम के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन लिफाफे में नाम दिल्ली से किसका आ रहा है यह शर्तिया तौर पर कोई नहीं जानता. पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, धर्मपाल सिंह या फिर और कोई? कौन होगा यूपी बीजेपी का नया मुखिया यह 14 दिसंबर को पता चल जाएगा.











