मौत के बाद धनंजय हुए थे जिंदा! फिर शुरू हुआ सियासी सफर, अब 2 साल की हुई सजा तो नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
एक बार फिर धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर पर विराम लगता नजर आ रहा है. नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और बंधक बनाने के मामले में धनंजय सिंह को दोषी करार दिया गया है.
ADVERTISEMENT
Dhananjay Singh News: एक ऐसा शख्स जिसके मारे जाने खबर पर पुलिस ने खूब वाहवाही लूटी, लेकिन 3 महीने बाद जब उस शख्स ने कोर्ट में सरेंडर किया तो वाह वाही लूटने वाली पुलिस टीम को जेल जाने की नौबत आ गई. एनकाउंटर में कथित तौर पर मारा गया वह शख्स उत्तर प्रदेश की सियासत का माननीय बन गया. यह सब कुछ सिर्फ एक ही किरदार में फिट होता है और वह किरदार जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का है.
आखिर हुआ क्या था?
यह बात 17 अक्टूबर 1998 की है. जब भदोही जिले की पुलिस ने भदोही-मिर्जापुर बॉर्डर पर चार बदमाशों का एनकाउंटर किया. पुलिस टीम ने दावा किया कि पेट्रोल पंप को लूटने जा रहे बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जिसमें 50,000 का इनामी धनंजय सिंह भी शामिल था. पुलिस की खूब वाह वाही हुई. मगर फिर पुलिस की किरकिरी भी शुरू हो गई. मारे गए जिस शख्स को पुलिस ने धनंजय सिंह बताया था, उसके दावेदार ने कहा यह वह धनंजय सिंह नहीं जिस पर 50,000 का इनाम था, यह उसका भतीजा धनंजय सिंह है. इसके बाद पुलिस के खिलाफ नारेबाजी हुई, धरना प्रदर्शन हुआ कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को मार गिराया.
फिर धनंजय सिंह ने यूं किया सरेंडर
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
बता दें कि एनकाउंटर के करीब तीन महीने बाद 11 जनवरी 1999 को धनंजय सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. धनंजय सिंह ने कोर्ट में सरेंडर किया तो खलबली मच गई. एनकाउंटर करने वाली टीम पर जांच हुई. मानवाधिकार आयोग की सिफारिश पर केस दर्ज हुआ. 34 पुलिस वालों पर केस भी चला, लेकिन बाद में अदालती सुनवाई के बाद कुछ पुलिस कर्मियों की मौत हो गई और जो जिंदा बचे वह बरी कर दिए गए.
यहीं से धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई और वह पहली बार निर्दलीय विधायक बने. मगर एक बार फिर धनंजय सिंह के राजनीतिक सफर पर विराम लगता नजर आ रहा है. नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और बंधक बनाने के मामले में धनंजय सिंह को दोषी करार दिया गया है. आज यानी बुधवार को अदालत धनंजय सिंह को सजा का ऐलान करेगी. जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ उसमें 10 साल तक की सजा है. अगर अदालत 2 साल से अधिक की सजा धनंजय सिंह को सुनाती है, तो धनंजय सिंह के ऊंची अदालत से राहत मिलने तक राजनीतिक सफर पर विराम लग जाएगा.
ADVERTISEMENT