'बाबरी सुलभ शौचालय...' आगरा में हो गया इस नाम का नया बवाल, 'राष्ट्रीय हनुमान दल' ने ये क्या किया?
आगरा के अकोला गांव में राष्ट्रीय हनुमान दल ने सार्वजनिक सुलभ शौचालय पर ‘बाबरी सुलभ शौचालय’ का बोर्ड लगाकर पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव के विरोध में प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया. पुलिस ने पहुंचकर बोर्ड हटा दिया.
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उत्तर प्रदेश के आगरा में राष्ट्रीय हनुमान दल के कार्यकर्ताओं ने रविवार को एक सार्वजनिक सुलभ शौचालय पर बाबरी सुलभ शौचालय का बोर्ड लगा दिया. यह घटनाक्रम पश्चिम बंगाल में नई बाबरी मस्जिद की नींव रखने के विरोध से जुड़ा बताया जा रहा है. बता दें कि मौके पर पुलिस के पहुंचते ही बोर्ड को हटवा दिया गया. हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसे लेकर लोगों की प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है.
क्या है विरोध का कारण
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में तृणमूल कांग्रेस के बागी विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी. यह वही तारीख है जब साल 1992 में अयोध्या में बाबरी ढांचे को तोड़ा गया था. देशभर में हिंदू सगठनों में इस घटना को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. इसी विरोध स्वरूप राष्ट्रीय हनुमान दल ने आगरा के अकोला गांव में प्रतीकात्मक रूप से अपना विरोध दर्ज कराया.
आगरा में लगा बोर्ड
बता दें कि अकोला गांव के मुख्य बाजार में स्थित सार्वजनिक सुलभ शौचालय पर राष्ट्रीय हनुमान दल के कार्यकर्ताओं ने बाबरी सुलभ शौचालय का बोर्ड लगा दिया. यह विरोध जिला अध्यक्ष भारत चाहर के नेतृत्व में किया गया. संगठन का कहना है कि वे बाबर को विदेशी आक्रांता मानते हैं और उसके नाम पर किसी भी तरह का निर्माण या नामकरण सनातन समाज की भावनाओं को आहत करता है.
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सोशल मीडिया पर वायरल
हालांकि बोर्ड हटाने के बाद भी पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. लोगों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही, जिसमें कुछ ने समर्थन जताया और कुछ ने विरोध किया .
ये बोर्ड लगते ही बाजार में सनसनी फैल गई. राहगीर रुककर बोर्ड देखने लगे और कई लोगों ने मोबाइल से तस्वीरें और वीडियो भी बनाए. देखते ही देखते यह मामला चर्चा का विषय बन गया.
पुलिस ने स्थिति नियंत्रित की
सूचना मिलने पर कागरोल थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शांति बनाए रखते हुए बोर्ड को उतरवा दिया. कागरोल थाने के सीनियर सब-इंस्पेक्टर ने बताया कि बोर्ड लगाने के प्रयास में ही पुलिस ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ता बोर्ड नहीं हटाते तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती थी.
राष्ट्रीय हनुमान दल का बयान
राष्ट्रीय हनुमान दल ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है. संगठन का कहना है कि वे किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि नामकरण को लेकर आपत्ति जता रहे हैं. राष्ट्रीय हनुमान दल के जिला अध्यक्ष भारत चाहर ने कहा कि "बाबर और बाबरी नाम अपने देश में हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे. बाबर एक विदेशी आक्रांता था. हमें न मस्जिद से परेशानी है और न मुसलमानों से, लेकिन अगर नाम रखना ही है तो एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान व्यक्तित्वों के नाम रखिए. हमारा विरोध शांतिपूर्ण है और आगे भी रहेगा.”
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