रामपुर में आकाश सक्सेना को मिला आजम के खिलाफ मुखर रहने का इनाम! BJP ने इस वजह से दिया टिकट

शिल्पी सेन

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उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर बीजेपी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. समाजवादी पार्टी के संरक्षक के मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई सीट पर पूर्व सांसद रघुराज शाक्य को टिकट दिया है तो वहीं आजम खान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले आकाश सक्सेना को पार्टी ने फिर प्रत्याशी बनाया है. वहीं पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को पार्टी ने टिकट दिया है.

मैनपुरी चुनाव में जहां शिवपाल यादव के करीबी और पूर्व सांसद रहे रघुराज शाक्य को टिकट दिया है तो वहीं रामपुर से आकाश सक्सेना पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी आकाश सक्सेना को आजम खान के खिलाफ प्रत्याशी बनाया था.

बीजेपी संगठन में कोई बड़ा नाम नहीं हैं. संगठन में लघु उद्योग प्रकोष्ठ में संयोजक आकाश सक्सेना को अपने जुझारूपन और आजम के खिलाफ खुलकर बोलने और मुखर रहने का इनाम मिला है.

कोई बड़ा पद न होने के बावजूद पिछले कुछ समय से लगातार चर्चा में रहे हैं. इसकी वजह आजम खान से आकाश सक्सेना की अदावत है. आकाश सक्सेना का नाम भी आजम खान की वजह से ही चर्चा में आया.

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हेट स्पीच मामले में आजम खान जैसे कद के नेता को सजा दिलवाने में बीजेपी के इस स्थानीय नेता की भूमिका महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि संगठन में कोई बड़ा पद न होते हुए भी आकाश सक्सेना की बीजेपी ने सपा और आजम खान का गढ़ माने जाने वाले रामपुर से टिकट दिया.

करीब 47 साल के आकाश सक्सेना मूलतः व्यापारी नेता हैं. पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक है. रामपुर में उनका अपना उद्योग है तो वहीं इंडीयन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन से भी जुड़े रहे हैं. आकाश सक्सेना छात्र राजनीति कर चुके हैं पर मुख्यधारा को पॉलिटिक्स में अभी उनकी कोई ख़ास पहचान नहीं है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने आजम खान जैसे बड़े और अपने क्षेत्र के प्रभावशाली और ताकतवर नेता के खिलाफ मोर्चा खोला और आजम के फर्जी पैनकॉर्ड पास्पोर्ट और दूसरे दस्तावेजों के मामले में न सिर्फ मुखर रहे बल्कि वादी भी रहे और कमियों की उजागर करने में भूमिका निभाई. उससे वो बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की नजर में आए.

ये कहा जा सकता है कि आजम खान के विरोध की वजह से ही मुख्यधारा में आकाश सक्सेना का सियासी सफर शुरू हुआ. आजम खान के सियासी करियर पर ब्रेक आकाश सक्सेना की वजह से ही लगा.

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यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने रामपुर चुनाव और आकाश सक्सेना की उम्मीदवारी पर बोलते हुए कहा कि ‘किस तरह लोगों का हक छीना जा रहा था. किसने चोरी की सब जानते हैं. इसलिए जनता बीजेपी प्रत्याशी और पार्टी का साथ देगी.’ आजम के गढ़ में क्या मिलेगी सफलता? इस सवाल पर भूपेन्द्र चौधरी कहते हैं कि अब कोई किसी का गढ़ नहीं है. पूरा प्रदेश बीजेपी का गढ़ है.’

मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर बीजेपी नेता और पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को बीजेपी ने टिकट दिया है. मुजफ्फरनगर दंगों में सजा होने के बाद विक्रम सैनी की विधायकी गई तो रिक्त सीट पर पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दे दिया. 2013 में जब मुजफ्फरनगर के दंगे हुए थे तो विक्रम सैनी जिला पंचायत सदस्य थे. दंगों में नाम आने के बाद विक्रम सैनी की जेल भी जाना पड़ा था. इसके बावजूद 2017 में विक्रम सैनी यहां से जीते.

2022 में पार्टी ने फिर विक्रम सैनी की टिकट दिया था. राजकुमारी सैनी को टिकट देकर बीजेपी ने विक्रम सैनी कर ही भरोसा जताया है. क्योंकि इस सीट पर 2022 में विक्रम सैनी ने सफलता हासिल की थी. क्षेत्र में विक्रम सैनी का खासा प्रभाव माना जाता है.

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हालांकि, सैनी वोट बैंक के प्रभाव क्षेत्र वाले खतौली विधानसभा के बारे में ये तय हो गया था कि पार्टी जहां मैनपुरी में शाक्य पर भरोसा जताएगी वहीं खतौली में सैनी जाति पर दांव लगाएगी.

यही वजह है कि स्थानीय तौर पर क्षेत्र में सक्रिय सुधीर सैनी और रूपेन्द्र सैनी के नाम को लेकर भी चर्चा थी. इन दोनों के नाम के साथ विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी का नाम भी पैनल में गया था. अंततः विक्रम सैनी का प्रभाव और क्षेत्र में सहानुभूति की बात को देखते हुए राजकुमारी सैनी का नाम फाइनल हुआ.

हालांकि, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी कहते हैं कि ‘राजकुमारी सैनी सामाजिक रूप से सक्रिय महिला हैं. पार्टी ने इस वजह से उनको टिकट दिया है. पार्टी मोदी योगी सरकार के काम पर वोट करेगी.’

उपचुनाव: BJP ने मैनपुरी में शिवपाल के करीबी तो रामपुर में आजम खान के विरोधी को दिया टिकट

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