कानपुर सेंट्रल पर ट्रेनों में भारी भीड़, छठ-दिवाली के लिए टॉयलेट में भी बैठ घर जा रहे लोग! बृजेश तिवारी ने बताया दर्द
दिवाली और छठ पर घर लौट रहे लोग भारी मुश्किलें झेल रहे हैं. कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है. यात्री शौचालय में बैठकर यात्रा कर रहे हैं. स्लीपर कोच तक फुल हैं, और प्लेटफॉर्म पर अफरातफरी मची है.
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दिवाली और छठ जैसे खास त्योहारों पर घर जा रहे लोग किन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, इसकी एक बानगी कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर देखने को मिली है. देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को पूर्वांचल और बिहार ले रहा ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं है. लोग ट्रेन के शौचालय में बैठकर यात्रा करने को मजबूर हैं. यूपी Tak ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन का जायजा लिया. यहां बिहार और पूर्वांचल की ओर जा रही ट्रेनों में बुरा हाल देखने को मिला है. हमें कई यात्री ऐसे मिले जो 8-8 घंटे से ट्रेन में खड़े होकर यात्रा कर रहे हैं. खासकर कानपुर सेंट्रल के प्लेटफॉर्म 6 और 7 पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिला. ट्रेन के दरवाजे और खिड़कियां तक बंद कर दिए गए थे. स्लीपर कोच में खड़े होने तक की जगह नहीं थी और लोग ट्रेन में जगह पाने परेशान नजर आए.
अहमदाबाद से दरभंगा जा रहे बृजेश तिवारी ट्रेन के दरवाजे के पास भीड़ में खड़े होकर यात्रा करते दिखे. उन्होंने कहा कि यहां खड़े होने लायक भी जगह नहीं है. लोग शौचालय में घुसे बैठे हैं. कंडीशन खराब है. स्पेशल ट्रेन वगैरह कुछ भी नहीं है. सारी ट्रेनें फुल चल रही हैं. छठ और दीपावली के कारण जाना पड़ रहा है. बहुत दिक्कतें हो रही है. पूरा चौबीस घंटे से खड़े-खड़े आना पड़ा है. वो कहते हैं कि अब दिक्कतें हैं तो क्या करें. साल में एक बार त्यौहार आता है तो इसलिए जा रहे हैं.
इसी तरह एक सतीश प्रजापति मिले. सतीश भोपाल से गोरखपुर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्रेन में बहुत भीड़ है. खड़े होने की भी जगह नहीं है. वॉशरूम में लोग बैठे हुए हैं. सतीश बीटेक करते हैं. इसी तरह राजेश कुमार अहमदाबाद से छपरा जा रहे हैं. उनका कहना है कि लोग शौचालयों में जाकर बैठ गए हैं. उन्होंने कोई निकालने वाला नहीं है.
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यहां नीचे वीडियो में देखिए क्या और कैसा है ट्रेनों का हाल
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