कानपुर में लड़की को भरी दोपहरी बैड टच करके गया ये बाइकवाला, मोलेस्टेशन की घटना CCTV में हुई रिकॉर्ड

रंजय सिंह

कानपुर के चकेरी इलाके में दिनदहाड़े छात्रा से ग्रोपिंग की शर्मनाक घटना सामने आई. बाइक सवार युवक ने लड़की को सरेआम छेड़ा, पूरा मामला CCTV में रिकॉर्ड, पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी.

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Kanpur molestation case
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Kanpur crime news: कानपुर में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. ये वारदात बताती है कि आज भी यूपी में कानपुर जैसे महानगरों में भी हमारी बेटियां सड़कों पर सुरक्षित नहीं हैं. असल में कानपुर में एक बार फिर एक नाबालिग लड़की के साथ सरेआम बैड टच और ग्रोपिंग की वारदात हुई है. एक बाइक सवार दिन के उजाले में बेखौफ होकर लड़की को बुरी तरह मोलेस्ट करके चला गया. वहां लगे CCTV कैमरे में ये वारदात रिकॉर्ड हो गई है. फिलहाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी की तलाश तेज़ कर दी गई है. 

क्या है मामला?

घटना बुधवार दोपहर करीब 3 बजे की है. चकेरी थाना क्षेत्र के शानिगवा इलाके की एक नाबालिग छात्रा किताब लेने अपनी सहेली के घर जा रही थी. विश्वकर्मा मंदिर के पास वह अकेले सड़क पर चल रही थी, तभी एक बाइक सवार युवक ने उसे पहले घूरा और फिर अश्लील टिप्पणी की. छात्रा घबरा कर रुक गई, लेकिन थोड़ी देर बाद वही युवक बाइक घुमाकर दोबारा लौटा और पास आते ही लड़की के शरीर को गलत तरीके से छूता हुआ तेज रफ्तार में निकल गया. लड़की ने विरोध करते हुए उस पर अपना हैंडबैग भी फेंका, लेकिन तब तक वह फरार हो चुका था. 

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CCTV फुटेज बना बड़ा सबूत

पूरा वाकया पास के CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गया है. इसमें आरोपी की तस्वीर और बाइक साफ दिख रही है. घटना के बाद छात्रा ने अपने पिता को बताया और दोनों ने मिलकर चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. इस मामले में एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि, 'छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. घटना का वीडियो भी हाथ लगा है. आसपास के CCTV फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं. जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.' 

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महिला सुरक्षा को लेकर फिर खड़ा हुआ सवाल

इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाएं सुरक्षित क्यों नहीं हैं? यह कोई पहली घटना नहीं है. ऐसे में कुछ सवाल तो उठते हैं जैसे

  • शहर के प्रमुख चौराहों और गलियों में गश्त कितनी प्रभावी है?
  • क्या स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं को पर्याप्त सुरक्षा मिल रही है?
  • क्या शोहदों के लिए कड़ी सज़ा का डर अब खत्म हो चुका है?
     

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