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निक्की मर्डर केस: हॉस्पिटल के मेमो में सिलेंडर फटने से जलने की बात किसने लिखवाई, इसपर साइन करने वाला देवेंद्र कौन?

अरविंद ओझा

ग्रेटर नोएडा के निक्की मर्डर केस में हर दिन नए खुलासे सामने आई रहे हैं. इस बीच निक्की की मौत के बाद उसका मेमो सामने आया है जिसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है.

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Nikki memo from Fortis Hospital
Nikki memo from Fortis Hospital
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ग्रेटर नोएडा के निक्की भाटी मर्डर केस में अब हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच निक्की की मौत के बाद फोर्टिस अस्पताल के मेमो की कॉपी सामने आई है. ये मेमो अस्पताल ने पुलिस को दिया था. इस मेमो से चौंकाने वाले खुलासा हुआ है. मेमो में लिखा हुआ है 'घर में गैस सिलेंडर फटने से मरीज बुरी तरह से जल गया.' 

मेमो में जो जानकारी है उसका मतलब यह निकलकर आता है कि घर में सिलेंडर फटा, उसकी जद में आकर निक्की जली और फिर उसकी मौत हुई. मगर जब पुलिस जांच के लिए पहुंची तो घर में गैस सिलेंडर के फटने जैसा कोई सबूत नहीं मिला.इस मेमो में देवेंद्र नामक एक व्यक्ति का साइन है जो निक्की के पति विपिन के ताऊ का बेटा और पड़ोसी है. ऐसे में अब पुलिस पता लगाने में जुटी है कि अस्पताल को गैस सिलेंडर के फटने की जानकारी किसने दी? अस्पताल के डॉक्टरों का बयान भी पुलिस दर्ज करेगी.

बता दें कि निक्की के जलने के बाद उसकी बड़ी बहन कंचन ने देवेंद्र की मदद से फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां से डॉक्टरों ने निक्की को सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफेर किया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.  

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कौन है देवेंद्र?

देवेंद्र, निक्की के पति विपिन के ताऊ का बेटा है जो पड़ोस में ही रहता है. देवेंद्र ने बताया कि घटना के वक्त विपिन के पिता और वह अपनी-अपनी दुकान पर थे. इस वक्त लाइट नहीं थी.  देवेंद्र ने बताया कि इस वक्त विपिन भी यही मौजूद था. लेकिन अचानक जोर से अवाज आई तो विपिन भागकर घर की तरफ गया. देवेंद्र के मुताबिक, जैसे ही विपिन घर गया वैसे ही उसने आकर बताया कि भाई निक्की ने आग लगा ली है. लेकिन जब तक मैं अंदर पहुंचा था तब तक कुछ लोग घर में आ चुके थे. देवेंद्र ने बताया कि उसके घर में पहुंचने तक आग बुझ चुकी थी. इसके बाद निक्की को गाड़ी में रखकर फोर्टिस हॉस्पिटल ले गए. इस दौरान गाड़ी में विपिन के माता-पिता निक्की और देवेंद्र मौजूद था.

क्या होता है मेमो?

मेमो एक तरह का आधिकारिक दस्तावेज होता है, जिसे अस्पताल के द्वारा जारी किया जाता है. इसका सबसे बड़ा मकसद किसी भी ऐसी घटना की जानकारी पुलिस को देना है जिसमें किसी अपराध, दुर्घटना, या हिंसा का संदेह हो. मेमो यह सुनिश्चित करता है कि मामला तुरंत कानूनी रिकॉर्ड में आ जाए और उसकी जांच शुरू हो सके.

मेमो में क्या-क्या जानकारी होती है?

यह मेमो एक तरह से घटना का प्रारंभिक रिकॉर्ड होता है. इसमें मरीज का नाम, उम्र, पता और अन्य पहचान संबंधी जानकारी होती है. साथ ही मरीज को किस तारीख और किस समय अस्पताल लाया गया इसकी भी जानकारी शामिल होती है.  इसमें मरीज की चोटें कैसी हैं (जलन, कट, घाव आदि) और वे शरीर के किस हिस्से पर हैं यह सब लिखा जाता है. मेमो इसकी जानकारी भी देता है कि मरीज को लगी चोटों का कारण क्या है (उदाहरण: दुर्घटना, मारपीट, जलन आदि).

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