प्रयागराज में कांग्रेस का बड़ा दाव! सपा के इस दिग्गज नेता के बेटा को उतारेगी मैदान में?
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही रेवती रमण सिंह से कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने मुलाकात की थी. तभी से उम्मीद जताई जा रही थी कि इस सीट पर कांग्रेस बड़ा फैसला ले सकती है.
ADVERTISEMENT
Prayagraj Lok Sabha: लोकसभा चुनाव को लेकर अब सियासी दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने में जुटे हैं. मगर कुछ लोकसभा सीट ऐसी भी हैं, जिनके प्रत्याशियों का फैसला राजनीतिक दल अभी तक नहीं कर पा रहे हैं. यूपी की कई ‘हॉट’ सीट ऐसी हैं, जिनपर सियासी दलों का उम्मीदवार कौन होगा? ये फैसला राजनीतिक दलों के लिए सिर दर्द बना हुआ है.
यूपी की कैरसगंज, अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज सीट कुछ ऐसी ही सीटे हैं, जिसकों लेकर सियासी दल काफी विचार-विमर्श कर रहे हैं. जातिगत समेत सारे समीकरण साध रहे हैं और काफी चिंतन-मनन के बाद अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रहे हैं. इसी बीच प्रयागराज सीट को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि कांग्रेस प्रयागराज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार सकती है. मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बदले में कांग्रेस ने श्रावस्ती से अपने उम्मीदवार धीरेंद्र सिंह धीरू को सपा के सिंबल से चुनाव लड़ाने की मांग की है.
जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं उज्जवल
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही रेवती रमण सिंह से कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने मुलाकात की थी. इसके बाद प्रयागराज में कांग्रेस नेता अनुग्रह नारायण सिंह ने रेवती रमण और उनके पुत्र उज्जवल रमण सिंह से मुलाकात की थी. सूत्रों की मानें तो उज्जवल जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. आपको बता दें कि उज्जवल प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट से 2 बार विधायक भी रह चुके हैं.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
रेवती रमण सिंह सपा से चल रहे हैं नाराज
आपको बता दें कि रेवती रमण सिंह की गिनती समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में होती है. वह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भी काफी करीबी रह चुके हैं. मगर पिछले कुछ दिनों से वह सपा में सहज महसूस नहीं कर रहे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, इसको लेकर उन्होंने कुछ समय पहले सपा चीफ अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी और पार्टी में हो रही अपनी अनदेखी का आरोप भी लगाया था. अब देखना ये होगा कि रमण परिवार आगे क्या फैसला लेता है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT