52 एकड़ में फैली है बाराबंकी की श्री राम स्वरूप यूनिवर्सिटी, इसके चांसलर हैं पंकज अग्रवाल, पूरी कहानी जान लीजिए
Barabanki Shri Ram Swaroop University News: बाराबंकी की श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी एलएलबी छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद चर्चा में है.
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Shri Ram Swaroop University News: बाराबंकी की श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी इन दिनों सुर्खियों में है. वजह है यहां एलएलबी छात्रों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं पर पुलिस का लाठीचार्ज. इस घटना ने न सिर्फ प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है. श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 2012 में हुई थी. इसे इंजीनियर पंकज अग्रवाल ने बनवाया और वह इसके चांसलर बने. बाराबंकी जिले की यह पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी है. पंकज अग्रवाल इससे पहले राजधानी लखनऊ समेत कई जगह श्री रामस्वरूप मेमोरियल कॉलेज भी खोल चुके हैं. बाराबंकी स्थित यूनिवर्सिटी का कैंपस लगभग 52 एकड़ में फैला है और इसे Naac का प्रमाणपत्र प्राप्त है.
क्या है विवाद की वजह?
मौजूदा विवाद तब शुरू हुआ जब एलएलबी छात्रों ने अपने कोर्स को फर्जी बताते हुए उग्र प्रदर्शन किया. इस आंदोलन में एबीवीपी भी छात्रों के समर्थन में उतर आई. एक सितंबर 2025 को हुए इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई और तोड़फोड़ भी की गई. स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. लाठियां सबसे ज्यादा एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर बरसीं. लगभग 2 दर्जन घायल हो गए. किसी का हाथ टूटा तो किसी का पैर. यह खबर लखनऊ तक पहुंचते ही प्रदेश स्तर के एबीवीपी नेता भी बाराबंकी आ गए और डीएम आवास समेत अस्पताल में हंगामा करते हुए घायल छात्रों के बेहतर इलाज की मांग करने लगे.
सीएम योगी ने किया हस्तक्षेप
मामले ने तूल पकड़ते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने घटना के समय मौजूद सीओ सिटी हर्षित चौहान को सस्पेंड कर दिया. नगर कोतवाली इंस्पेक्टर राणा और गदिया चौकी इंचार्ज समेत पूरी चौकी को लाइन हाजिर कर दिया गया. इसके बावजूद विवाद थमा नहीं. दो सितंबर को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच कमिश्नर और अयोध्या रेंज के आईजी को सौंपी और जल्द रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए.
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यह पहली बार नहीं है जब श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी विवादों में आई हो. साल 2022 में यूनिवर्सिटी के वार्षिक उत्सव के दौरान छात्रों के दो गुटों में झगड़ा हो गया था. इस दौरान चाकूबाजी हुई और पूर्व छात्र सुयश सिंह की मौत हो गई. यह विवाद वर्चस्व को लेकर बताया गया था. छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन फीस से ज्यादा वसूली करता है, जिससे उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ती है.
एबीवीपी कार्यकर्ता ने क्या बताया?
यही मार खाए एक एबीवीपी कार्यकर्ता ने बताया कि 'हम लोग शांति पूर्व प्रदर्शन कर रहे थे. तभी यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के रिश्तेदार और यूपी ब्यूरोक्रेसी एक प्रमुख अधिकारी का फोन आया और पुलिस ने लाठियां चलाना शुरू कर दिया.'
यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार डॉ. नीरजा जिंदल का कहना है कि '2022–23 तक यूनिवर्सिटी का रिन्यूअल था. उसके बाद रिन्यूअल की फीस और पूरा प्रोसेस पूरा कर लिया गया है, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अभी तक रिन्यूअल लेटर नहीं आया है. इसी कारण छात्रों में गलतफहमी हुई और उन्होंने इस तरह का प्रदर्शन किया.'
इस बीच घटना की गंभीरता को देखते हुए आईजी प्रवीण कुमार भी यूनिवर्सिटी पहुंचे और जांच की. अब सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि बाराबंकी की यह पहली प्राइवेट यूनिवर्सिटी अपनी साख बचा पाएगी या विवादों की छाया और गहराएगी.
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