मकबरे पर हिंदू संगठनों की भीड़ लेकर गए थे BJP जिला अध्यक्ष मुखलाल! फतेहपुर में 'अकबर के पोते' की बनवाई मौसेलियम पर क्या-क्या हुआ?
फतेहपुर में एक मकबरे पर हिंदू संगठनों और बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल के नेतृत्व में पूजा-अर्चना को लेकर विवाद खड़ा हो गया. अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है. जानिए क्या है पूरा मामला और पुलिस की कार्रवाई.
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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक मकबरे को लेकर सोमवार को भारी तनाव फैल गया. कुछ हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल की अगुवाई में मकबरे में जबरन घुसकर पूजा-अर्चना करने की कोशिश की. संगठनों का दावा है कि यह मकबरा नहीं, बल्कि 'ठाकुरद्वारा मंदिर' है जिस पर लंबे समय से पूजा बंद थी. ऐसा सबकुछ तब हुआ जब बीजेपी जिला अध्यक्ष ने इसका पहले से ऐलान कर रखा था. अब मकबरे पर हुए इस उत्पात के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इसमें खड़ी पुलिस मूकदर्शक से अधिक की भूमिका निभाने के अलावा और कुछ खास करती नजर नहीं आ रही है. इस घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करना पड़ा है और आसपास के जिलों से भी फोर्स बुलानी पड़ी. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है, जबकि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.
सबसे पहले आप इस पूरी घटना का वीडियो और BJP नेता मुखलाल पाल के दावे देखिए यहां नीचे देखिए
अब सिलसिलेवार जानिए कि क्या हुआ फतेहपुर में
आपको बता दें कि शहर कोतवाली के अबू नगर मोहल्ले में स्थित एक पुरानी मजार और मकबरे को लेकर हिंदूवादी संगठन कई दिनों से अपना दावा पेश कर रहे थे. भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने पहले ही प्रशासन को ज्ञापन देकर 11 अगस्त को यहां पूजा करने का ऐलान किया था. सोमवार को हिंदू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता भारी संख्या में मकबरे पर पहुंच गए. हालांकि प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगा रखी थी, लेकिन पुलिस फोर्स की कमी के चलते भीड़ उसे तोड़कर अंदर घुस गई.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक लोगों ने धार्मिक नारे लगाते हुए मकबरे पर भगवा झंडे फहराए. इसके बाद उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी. इसी दौरान मकबरे के बगल में स्थित एक मजार को भी नुकसान पहुंचाया गया और उस पर भी भगवा झंडा लगा दिया गया. हालात बिगड़ते देख जिले के डीएम और एसपी के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में प्रयागराज जोन के एडीजी और आईजी को मौके पर भेजा गया और हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट और कौशांबी समेत आसपास के कई जिलों से पुलिस फोर्स बुलानी पड़ी. 22 थानों की पुलिस को बुलाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया. फिलहाल मौके पर एक और बैरिकेडिंग लगाई गई है ताकि किसी को भी अंदर जाने से रोका जा सके.
बीजेपी जिलाध्यक्ष का दावा: 'यह सनातनियों का जनाक्रोश था'
यूपी Tal से बात करते हुए बीजेपी जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, 'फतेहपुर के अबू नगर में जो कुछ हुआ, वह सनातन धर्मियों का जनाक्रोश था. हम अपने ठाकुरद्वारा में पूजा करने गए थे. प्रशासन को हमने पहले ही ज्ञापन देकर बताया था कि जन्माष्टमी के लिए हम साफ-सफाई और पूजा करना चाहते हैं.'
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पाल ने आगे दावा किया, 'किस मकबरे में आपने देखा है जहां त्रिशूल और कमल का फूल बना हो? कुछ साल पहले तक हिंदू बस्ती के लोग यहां पूजा करते थे, लेकिन समय के साथ मुस्लिम पक्ष ने सरकारी दस्तावेजों में अपना नाम चढ़ा लिया और पूजा बंद करवा दी.'
अकबर के पोते ने बनवाया मकबरा? केयरटेकर ने बताई 500 साल पुरानी कहानी
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मकबरे के केयरटेकर (मुतवल्ली) मोहम्मद नफीस ने हिंदू संगठनों के दावों को खारिज किया है. उन्होंने बताया कि यह इमारत लगभग 500 साल पुरानी है और इसे मुगल बादशाह अकबर के पोते ने बनवाया था. इस मकबरे में अबू मोहम्मद और अबू समद की कब्रें हैं. वहीं, 'मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति' ने डीएम को एक ज्ञापन सौंपकर इस 'मंदिर' को बचाने की मांग की थी. दूसरी ओर, 'राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल' ने भी डीएम को पत्र लिखकर मकबरे के ऐतिहासिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ न करने का अनुरोध किया था.
अखिलेश और बृजेश पाठक आमने-सामने
फतेहपुर की घटना पर सियासी घमासान भी तेज हो गया है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने अपने एक्स पोस्ट के जरिए बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने लिखा, 'फतेहपुर में घटी घटना, तेज़ी से ख़त्म होती भाजपा की निशानी है. जब-जब भाजपा और उनके संगी साथियों की पोल खुलने लगती है, तब-तब सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश की जाती है. जनता अब इस भाजपाई चाल को समझ गई है.
वहीं, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया. उन्होंने पीटीआई से कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति न करने की अपील की. पाठक ने दावा किया कि बीजेपी 'तुष्टीकरण' की राजनीति नहीं करती और 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत पर चलती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके सहयोगी सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
फिलहाल फतेहपुर में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. पुलिस का कहना है कि जांच की जा रही है कि इतने कड़े बंदोबस्त के बावजूद भीड़ कैसे अंदर घुस गई. दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.