समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए विवादित बयान के बाद जहां वह भाजपा के निशाने पर हैं तो वहीं सपा में भी उनके खिलाफ आवाज उठ रही है. अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने यूपीतक से बात करते हुए हर सवाल का जवाब दिया है.
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यूपीतक से बात करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अपमान का विरोध करना, गाली का विरोध करना, गाली को धर्म के नाम पर प्रयोग किया जाना और उसको हटाने की मांग करना, ये कोई आरोप नहीं है बल्कि सम्मान और न्याय की मांग है. अगर हम सम्मान करते हैं, गाली न देने की बात करते हैं, अपमान न सहने की बात करते हैं तो तमाम धर्म के ठेकेदारों के पेट में दर्द होता है. इसलिए आज अनाप-शनाप बयानबाजी हो रही हैं.
भाजपा उसी मानसिकता की पार्टी -स्वामी मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि भाजपा में अपनी बात कह नहीं सकते हैं. भाजपा उसी मानसिकता की पार्टी है, जिसके खिलाफ मैंने अवाज उठाई है, इसलिए सभी एक ही भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.
इस दौरान यूपीतक ने उनसे पूछा कि जब आप भाजपा में थे तब आपने रामचरितमानस को लेकर ऐसी मांग क्यों नहीं की? इस सवाल का जवाब देते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कभी-कभी प्रसंग आता है तभी बात छिड़ती है. हम सभी सवालों के उत्तर दे रहे हैं. पहले भी मैं इस तरह की आपत्ति दर्ज करवाता रहा हूं. मैं इन मुद्दों को लेकर पहले भी हमलावर रहा हूं.
बसपा को लेकर कही ये बात
स्वामी प्रसाद मौर्य के बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. अब इन कयासों का भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने जवाब दे दिया है. उन्होंने कहा, “मैं जिसको छोड़ता हूं फिर कभी उसकी तरफ पलटकर नहीं देखता. आज मैं सपा में हूं और आगे भी रहूंगा.”
रोली मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा का एजेंट बताया था. इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो नाम आपने लिया उनकी बयानबाजी पर जवाब देना मेरी तोहीन होगी. अपर्णा यादव ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर निशाना साधा था. इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वह सपा छोड़कर भाजपा में क्यों चली गई.
जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने पूछा गया कि आपके साथी फैजाबाद विधायक पवन पांडे ने कहा कि आपको अल्प ज्ञान है. उन्होंने आपको इतिहास पढ़ने के लिए बोला है. इस सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जो आदिवासी, दलित अनजाने में गाली को धर्म मान बैठे थे, इनके मकड़ जाल में फंसे थे, उन्हीं को सम्मान के साथ खड़ा करने का प्रयास कर रहा हूं और जिस नाम का हवाला आप दे रहे हैं, वह कितने ज्ञानी हैं जग जानता है.
रामचरितमानस विवाद के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- ‘मैं अपनी बात पर कायम हूं और आगे भी…’
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