इन 2 सीटों पर BJP की जीत तय, रिस्क नहीं लेंगे अखिलेश? UP के नए सियासी रण की इनसाइड स्टोरी

कुमार अभिषेक

• 02:03 PM • 26 Jul 2022

यूपी में विधानसभा चुनावों, लोकसभा उपचुनावों के बाद एक और नए सियासी रण का स्टेज सेट हो गया है. यह रण है यूपी विधान परिषद…

UPTAK
follow google news

यूपी में विधानसभा चुनावों, लोकसभा उपचुनावों के बाद एक और नए सियासी रण का स्टेज सेट हो गया है. यह रण है यूपी विधान परिषद की खाली हुई 2 सीटों का. इस लड़ाई में एक बार फिर से बीजेपी (Uttar Pradesh BJP News) की बादशाहत देखने को मिल सकती है. संख्या बल के हिसाब से माना जा रहा है कि दोनों सीटों पर बीजेपी की जीत लगभग तय है. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को अपनी रणनीति पर काफी सोच-विचार करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें...

चर्चा है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने विधान परिषद की दो सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि सपा के पास इन सीटों को जीतने के लिए पर्याप्त वोट ही नहीं हैं. जल्द ही वह अपने इस फैसले का ऐलान कर सकते हैं.

भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी के नेताओं के अलावा सपा से नाता तोड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के मुखिया ओपी राजभर (OP Rajbhar) भी अपने बेटे अरविंद राजभर को विधान परिषद भेजने के जुगाड़ में लगे हैं. जल्द ही भाजपा का शीर्ष नेतृत्व विधान परिषद ही इन दोनों सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर देगा.

गौरतलब है कि यूपी विधान परिषद में आठ सीटें खाली हैं. इनमें से 6 सीटों पर सदस्यों का मनोनयन राज्यपाल करेंगे. इसके पहले दो सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. राज्य विधान परिषद की जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, इसमें एक सीट सपा नेता अहमद हसन के निधन और दूसरी सीट भाजपा के ठाकुर जयवीर सिंह के विधायक चुने जाने के बाद रिक्त हुई है.

अब इन दोनों सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जिन दो सीटों पर उपचुनाव होना है, उन पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है क्योंकि एक सीट पर जीत के लिए 200 वोटों की जरूरत है. इतने वोट विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी सपा के पास नहीं हैं.

राजभर अपने बेटे के लिए खेल रहे दांव?

विधान परिषद की इन सीटों पर उम्मीदवारी के लिए कई भाजपा नेताओं के नाम चर्चा में हैं. अधिकतर नाम प्रदेश और क्षेत्रीय पदाधिकारियों के हैं. इन दो सीटों के लिए जो नाम चर्चाओं में हैं, उनमें भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, प्रदेश मंत्री डा. चंद्रमोहन सिंह, प्रदेश मंत्री देवेश कोरी, पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल, कानपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का नाम है.

माना जा रहा है कि भाजपा एक सीट पूरब और दूसरी पश्चिम के खाते में रखते हुए ही उम्मीदवारों का चयन करेगी. इसके अलावा ओपी राजभर भी अपने बेटे अरविंद राजभर को विधान परिषद भेजने के प्रयास में हैं.

सुभासपा नेताओं की मानें तो भाजपा अपने कोटे से अरविंद राजभर को विधान परिषद भेज सकती है.

तो क्या ओम प्रकाश राजभर अपने बेटे को बीजेपी से भेज रहे हैं विधान परिषद? पढ़ें ये रिपोर्ट

    follow whatsapp
    Main news