राजपूतों-ठाकुरों के BJP विरोध पर रालोद चीफ जयंत चौधरी ने अलग ही कहानी सुनाई, ये बोल चौंकाया

लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को ठाकुरों और राजपूतों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बड़े स्तर पर राजपूत और ठाकुर समाज के लोग भाजपा का बहिष्कार कर रहे हैं. इसी बीच रालोद चीफ जयंत चौधरी ने इस मुद्दे को लेकर बड़ी बात बोली है.

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यूपी तक

22 Apr 2024 (अपडेटेड: 22 Apr 2024, 04:42 PM)

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UP News: लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो चुका है. मगर भाजपा के सामने खड़ी हुई सबसे बड़ी समस्या का हल अभी तक भाजपा को नहीं मिला है. हम बात कर रहे हैं राजपूतों-ठाकुरों के भाजपा विरोध की. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गुजरात से शुरू हुआ ठाकुरों और राजपूतों का भाजपा विरोध, उत्तर प्रदेश तक आ पहुंचा और इसने भाजपा के लिए सियासी तौर पर भारी दिक्कतें पैदा कर दी.

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आलम ये रहा कि कई सीटों पर राजपूतों और ठाकुरों ने खुलकर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों का बहिष्कार किया. इस मौके का लाभ उठाकर विपक्षी दलों ने ठाकुर-राजपूत वोट अपने पाले में करने की काफी कोशिश की. सहारनपुर और मुजफ्फरनगर लोकसभा सीटों पर इसका असर साफ देखने को भी मिला. इस बीच अब राष्ट्रीय लोकदल यानी रालोद चीफ जयंत चौधरी का भी ठाकुरों-राजपूतों को लेकर बयान सामने आया है. 

राजपूतों-ठाकुरों को लेकर ये बोले जयंत चौधरी

राजपूतों-ठाकुरों के भाजपा विरोध पर जयंत चौधरी ने कहा कि ये विरोध जमीनी स्तर पर नहीं है. जयंत ने कहा कि कुछ नेताओं ने ऐसा माहौल बनाया है. कुछ नेता ऐसे होते हैं, जो अपने लिए पार्टी से कुछ मांगते हैं. मगर पार्टी सभी की बात नहीं मान सकती. ऐसे में चुनाव के समय ये लोग पार्टी पर दबाव बनाते हैं. उसी नीति के तहत ये प्रचार किया गया है.

जयंत ने कहा कि इस विरोध का वोटर्स पर कोई प्रभाव नहीं है. क्षत्रिय समाज की हर बार अहम भूमिका रहती है. इस क्षेत्र में उनका बड़ा सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव भी है. जयंत ने कहा कि हमारी पार्टी यानी लोकदल ने भी हमेशा से ही क्षत्रिय समाज को भागीदारी दी है. पिछली बार मथुरा सीट से हमारे उम्मीदवार क्षत्रिय समाज से ही थे. तीन उम्मीदवारों में से हमारा एक उम्मीदवार क्षत्रिय समाज से था.

जयंत चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस क्षेत्र में हमेशा से ही ठाकुरों-राजपूतों को लीडरशीप दी है. ऐसे कई नेता हैं, जो चौधरी चरण सिंह के समय से सक्रिय हैं और आज हमारी पार्टी के अहम पदों पर हैं. ऐसे ही भाजपा के साथ हैं. क्षत्रिय समाज के वोटर्स भाजपा के साथ परंपरागत तौर से जुड़े हुए हैं. इसमें कही कोई ब्रेक नहीं है. 

राजपूतों-ठाकुरों ने लोटे में नमक डाल खाई थी BJP को वोट ना करने की कसम 

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान जगह-जगह ठाकुर-राजपूत समाज के लोगों ने भाजपा के खिलाफ पंचायत की थी. बकायदा लोटे में नमक डालकर भाजपा को वोट नहीं करने की कसम खाई थी. दरअसल ये पूरा विवाद गुजरात से शुरू हुआ था. 

गुजरात भाजपा के मंत्री परषोत्तम रूपाला ने राजपूतों को लेकर विवादित बयान दे दिया था. इसके बाद गुजरात का राजपूत और ठाकुर समाज सड़कों पर उतर आया था. बता दें कि इसी बीच भाजपा ने टिकट बंटवारा किया. इस दौरान गाजियाबाद सीट से जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया गया. इस दौरान भाजपा पर ये भी आरोप लगने लगे कि भाजपा ने राजपूत-ठाकुर समाज को वैसा प्रतिनिधित्व नहीं दिया, जो उन्हें मिलना चाहिए था.

देखिए जयंत चौधरी का ये पूरा वीडियो

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