यूपी में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 124355, शिया की 7785 Waqf संपत्तियां, अब जानिए क्या होगा इनके साथ

UP Waqf Board properties: उत्तर प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 1.24 लाख और शिया वक्फ बोर्ड की 7785 संपत्तियां हैं. जानिए सरकार इनके लिए क्या कदम उठा रही है.

यूपी वक्फ बोर्ड संपत्ति

समर्थ श्रीवास्तव

04 Apr 2025 (अपडेटेड: 04 Apr 2025, 02:49 PM)

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संसद से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पास होने के बाद उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है. सरकार ने अवैध रूप से वक्फ घोषित की गई संपत्तियों की पहचान और कार्रवाई के लिए जिलाधिकारियों को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. यह कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकारी और ग्राम समाज की जमीनों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद ऐसा दावा किया जा रहा है कि यूपी में बड़ी संख्या में खलिहान, तालाब, पोखर और अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को वक्फ घोषित करने के मामले सामने आए हैं.  

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यूपी में कितनी हैं वक्फ संपत्तियां? 

प्रदेश में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 1,24,355 और शिया वक्फ बोर्ड की 7,785 संपत्तियां दर्ज हैं. लेकिन इन संपत्तियों को लेकर बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब यूपी राजस्व विभाग के अभिलेखों में मात्र 2,533 सुन्नी वक्फ और 430 शिया वक्फ संपत्तियां ही आधिकारिक रूप से दर्ज पाई गईं. आपको बता दें कि दान में दी गई संपत्तियों को ही वक्फ माना जा सकता है, लेकिन सरकारी भूमि को नहीं.  

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वक्फ संशोधन विधेयक 2025 क्या है? यहां समझिए

वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी तरीके से प्रबंधित करने के लिए हाल ही में राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पास किया गया. इस विधेयक के अनुसार:  

  • सरकारी या ग्राम समाज की जमीन को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकता.  
  • वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) की व्यवस्था की गई है.  
  • वक्फ बोर्ड के प्रशासन और उसकी संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए एक केंद्रीयकृत पोर्टल बनाया जाएगा.  
  • वक्फ संपत्तियों से गैर-कानूनी कब्जे हटाने और विवाद निपटाने के लिए वक्फ न्यायाधिकरण को मजबूत किया जाएगा.  
  • विधवा, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथ बच्चों की संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा.  

यूपी में वक्फ संपत्तियों पर क्यों बढ़ा विवाद?  

पिछले कुछ सालों में यूपी में वक्फ संपत्तियों के नाम पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई हैं. कई मामलों में सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ घोषित कर दिया गया, जिससे सरकार को सख्त कदम उठाने पड़े. अब जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि अवैध रूप से वक्फ घोषित संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त किया जाए. इसके अलावा, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा.  

आपको बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में पूरा विपक्ष वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहा है. विपक्ष ने कहा है कि सरकार मुस्लिमों की संपत्ति कब्जा करने के उद्देश्य से यह संशोधन लेकर आई है. यूपी में समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने संसद में सरकार को घेरते हुए कहा है कि बीजेपी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ये बिल लाई है. अखिलेश यादव और सपा ने वक्फ संशोधन बिल को धर्मनिरपेक्षता और संविधान में निहित मूल तत्वों के खिलाफ बकाया है.

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