UP News: इटावा की प्रिया तिवारी मौत मामले में आरोपी रिजवान गिरफ्तार हो चुका है. अब इस केस में नया अपडेट सामने आया है. बता दें कि थानाध्यक्ष मंसूर अहमद के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है. कानपुर आईजी जोन जोगेंद्र सिंह की जांच में थानाध्यक्ष मंसूर अहमद को दोषी पाया गया है और तत्काल प्रभाव से उनको सस्पेंड कर दिया गया है. इसी के साथ अब इटावा पुलिस आरोपी रिजवान के खिलाफ हत्या की कार्रवाई करते हुए उसके भाई और पिता के खिलाफ भी गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करने जा रही है.
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थानाध्यक्ष मंसूर अहमद के खिलाफ क्यों हुई कार्रवाई?
बता दें कि 19 साल की प्रिया तिवारी ने जहर खाकर अपनी जान दे दी थी. आरोप था कि पड़ोस में रहने वाला रिजवान उसे काफी परेशान करता था. उसपर निकाह का दबाव बना रहा था. मोबाइल पर भद्दे-भद्दे मैसेज करता था.
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इस मामले में पीड़ित परिवार का कहना था कि उन्होंने थाने में रिजवान की शिकायत भी की थी. मगर थानाध्यक्ष मंसूर अहमद ने रिजवान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और कुछ घंटों में उसे छोड़ दिया. परिवार का कहना था कि अगर पुलिस ने उस दौरान ही रिजवान के खिलाफ कार्रवाई की होती तो उनकी बेटी परेशान होकर ये कदम नहीं उठाती. पीड़ित परिजनों का कहना था कि उन्होंने रिजवान के खिलाफ थाने में कई शिकायत की. मगर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने थानाध्यक्ष मंसूर अहमद की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. अब कानपुर आईजी जोन जोगेंद्र सिंह ने जांच के बाद थानाध्यक्ष मंसूर अहमद को सस्पेंड कर दिया है.
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पुलिस अधिकारी ने ये बताया
इस पूरे मामले को लेकर आईजी जोन जोगिंदर सिंह ने बताया, ऊसराहार थाना क्षेत्र के कदमपुर में घटना हुई थी. तीन लोगों को अरेस्ट कर लिया है. मुख्य आरोपी को भी जेल भेज दिया गया है. इसके अलावा थानाध्यक्ष के द्वारा लापरवाही बरती गई है. एसएचओ मंसूर अहमद को सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय कार्रवाई भी होगी. पीड़ित पक्ष को भी सुरक्षा दी जाएगी.
प्रिया से निकाह करना चाहता था रिजवान
बता दें कि प्रिया तिवारी बीएससी कर रही थी. वह 19 साल की थी. 24 अप्रैल के दिन छात्रा ने जहर खाकर अपनी जान देने की कोशिश की थी. छात्रा का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. मगर उसकी मौत हो गई थी. पीड़ित परिवार का कहना था कि रिजवान उनकी बेटी को मुसलमान बनाकर उसके साथ निकाह करना चाहता था. इसके लिए वह बेटी को लगातार परेशान कर रहा था. पीड़ित परिवार का ये भी कहना था कि उन्होंने रिजवान की मां से भी इसकी शिकायत की थी. मगर किसी ने उसे नहीं रोका. बेटी काफी डर गई थी और उसने आखिर में ये कदम उठा लिया.
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