Kanpur News: पहलगाम हमले में आतंकियों ने सबसे पहले कानपुर के शुभम द्विवेदी को ही उसका धर्म पूछकर गोली मारी और उसे उसकी पत्नी ऐशन्या के सामने ही मौत के घाट उतार दिया. पति की मौत के बाद से ऐशन्या सदमे में हैं. वह उस पल को नहीं भूल पा रही है जब आतंकियों ने उसके सामने ही उसके सिंदूर को उजाड़ डाला.
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इसी बीच UP Tak से बात करते हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उनके पति शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए. ऐशन्या ने बताया, घटना वाले दिन हम लोग मैगी खा रहे थे. शुभम और मैं बात कर रहे थे कि आज लंच में क्या खाना है? तभी वहां एक शख्स आया और हमसे हमारे धर्म के बारे में पूछने लगा. जब हमने कहा कि हम हिंदू हैं तो उसने शुभम को गोली मार दी. ऐशन्या का कहना है कि धर्म पूछना, कलमा पढ़ने को बोलना, हमारा जवाब देना और उसका गोली मारना, ये सब 5 सेकेंड के अंदर हुआ. ऐशन्या का कहना है कि वह कुछ समझ ही नहीं पाई कि हुआ क्या. 5 सेकेंड के अंदर आतंकियों ने उसके पति को मार डाला.
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ऐशन्या का कहना है कि सरकार शुभम को शहीद का दर्जा दें. ऐशन्या ने कहा, अगर शुभम को पहली गोली नहीं लगी होती तो जो लोग वहां से बचकर आए हैं, वह नहीं बचते. ऐशन्या ने आगे कहा, हमें आगे कोई याद नहीं रखेगा. पीड़ित परिवारों को लोग भूल जाते हैं. शुभम की वजह से कई लोग आज अपने घरों में सुरक्षित पहुंचे हैं. ऐसे में शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए.
हैं हिंदू तो बोलेंगे हिंदू- ऐसन्या
ऐशन्या ने कहा, हमसे पूछा गया कि मुसलमान हो या हिंदू तो हमने हिंदू कहा. हम हैं हिंदू तो हिंदू ही बोलेंगे. अब बचाने का काम सरकार का है. ऐशन्या ने ये भी कहा कि अगर हमें सरकार पर विश्वास नहीं होता तो हम वहां हिंदू बोलकर नहीं आते.
बता दें कि ऐशन्या और शुभम की शादी 12 फरवरी के दिन हुई थी. दोनों हनीमून के लिए कश्मीर गए थे. यहां आतंकियों ने जिन 28 पर्यटकों को गोली मारी, उसमें सबसे पहली गोली शुभम द्विवेदी को मारी थी.
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