पहलगाम हमले के बाद सहारनपुर के गुर्जरों ने मुसलमानों को दी देवबंद छोड़ने की धमकी? वीडियो शेयर करने से पहले सच जानिए
UP News: सोशल मीडिया पर सहारनपुर की एक वीडियो जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है. वीडियो में दावा किया जा रहा है पहलगाम आतंकी हमले को लेकर गुर्जर समाज के लोगों ने देवबंद के मुसलमानों को धमकी दी है और उन्हें अल्टीमेटम दिया है.
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UP News: कश्मीर के पहलगाम में जिस तरह से आतंकियों ने धर्म पूछ-पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया है और हिंदू पर्यटकों की निर्मम हत्याएं की हैं, उसको लेकर पूरे देश में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि आतंकी हमले के खिलाफ गुर्जर समाज के लोग मुसलमानों से देवबंद खाली करने को कह रहे हैं और इसके लिए 1 मई का समय दिया गया है.
बता दें कि ये वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि आतंकियों द्वारा हिंदुओं की हत्याओं से गुर्जर समाज के लोग गुस्सा हैं और उन्होंने देवबंद खाली करने का आदेश मुसलमानों को दे दिया है. अब हम आपको इस वीडियो की सच्चाई बताते हैं.
पहलगाम नहीं बल्कि पुलवामा हमले के बाद का है वीडियो
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो साल 2019 का है. ये वीडियो उस समय का है, जब पुलवामा हमला हुआ था और सीआरपीएफ के कई जवान शहीद हुए थे. उस दौरान सहारनपुर के मीरगपुर गांव के लोगों ने रैली निकाली थी. अब सोशल मीडिया पर उसी समय का वीडियो वायरल किया जा रहा है. बता दें कि मीरगपुर गांव गुर्जर बाहुल्य गांव है. उस दौरान गुर्जरों ने अपने हथियार भी निकाल लिए थे और हथियारों के साथ रैली निकाली थी.
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वीडियो में देवबंद को लेकर नहीं बल्कि कश्मीर को लेकर बात हो रही
वीडियो की सच्चाई जानने के लिए UP Tak की टीम ग्राम मीरगपुर गांव पहुंची. वायरल वीडियो में नजर आ रहे वीरेंद्र गुर्जर ने खुद बताया कि वायरल वीडियो साल 2019 का है. उस दौरान कश्मीर में कूच करने की बात की गई थी और पत्थरबाजों को सबक सिखाने का ऐलान हुआ था. उन्होंने बताया, उस दौरान देवबंद से आतंकवादी पकड़े गए थे, जिनका पुलवामा हमले में हाथ था. उनको लेकर कहा गया था कि ऐसे कट्टरपंथी और आतंकवादी देवबंद खाली कर दें और पाकिस्तान चले जाए. उनके लेकर बयान दिया गया था और गुर्जर समाज एक हुआ था.
पुलिस ने वीडियो को लेकर ये कहा
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सहारनपुर पुलिस द्वारा भी इस वीडियो का खंडन करते हुए एक पोस्ट शेयर किया गया है. इस पोस्ट में सहारनपुर पुलिस ने बताया है कि ये वीडियो साल 2019 का है.