हरदोई: पुलिस थाने पर ही हो गई बुलडोजर की कार्रवाई, देखते रहे पुलिसकर्मी, पर क्यों? जानें

प्रशांत पाठक

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Hardoi News: यूपी पुलिस अक्सर माफियाओं-अपराधियों की अअवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई करती है. मगर इस बार खुद यूपी पुलिस के थाने पर योगी सरकार का बुलडोजर चल गया है. बुलडोजर कार्रवाई करने वाली पुलिस के खुद के थाने पर बुलडोजर कार्रवाई हो गई है, जिसके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल ये पूरा मामला जिला हरदोई के शाहाबाद कोतवाली से सामने आया है. यहां कोतवाली भवन का आधा हिस्सा जिला जज और उच्च कोर्ट के आदेश के बाद बुलडोजर से गिरा दिया गया. इस दौरान एसडीएम, तहसीलदार, अधिशासी अधिकारी और प्रभारी निरीक्षक मौजूद रहे.  

दरअसल शाहाबाद तहसील में पुलिस थाने से लगा हुआ मुंसिफ कोर्ट बना हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक, उसी की कुछ जमीन खाली पड़ी हुई थी. मुंसिफ कोर्ट की इमारत पिछले दो दशक से बनी हुई है, लेकिन इसमें कोई कामकाज नहीं होता है. इस जमीन पर कुछ स्टंप वेण्डर और वकीलों ने कब्जा कर लिया था. ये देख पुलिस थाने ने इस भूमि पर महिला हेल्प डेस्क और पुलिस थानेदार का ऑफिस बना दिया था.

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पुलिस थाने का ज्यादातर हिस्सा मुंसिफ कोर्ट की जमीन पर बना हुआ था

मिली जानकारी के मुताबिक, बीते कुछ समय से यहां के वकील मुंसिफ कोर्ट के संचालन की मांग कर रहे थे. उनकी मांगो को लेकर बीते महीने जिला जज राजकुमार सिंह ने मुंसिफ कोर्ट के भवन की जांच की थी और राजस्व विभाग की टीम के द्वारा मुंसिफ कोर्ट की जमीन की पैमाइश भी करवाई गई थी. इसके बाद उनकी तरफ से अतिक्रमण की गई जमीन को खाली कराने के निर्देश दिए गए थे. 

इसके बाद उच्च न्यायालय ने भी मुंसिफ कोर्ट की जमीन खाली कराने का आदेश दे दिया था. मिली जानकारी के मुताबिक, जब मुंसिफ कोर्ट की जमीन की पैमाइश कराई गई तो पता चला कि पुलिस थाने का अधिकांश हिस्सा मुंसिफ कोर्ट की जमीन पर बनाया गया था. इसमें प्रभारी निरीक्षक का आवास, प्रभारी निरीक्षक का आधा कार्यालय, हेल्प डेस्क और मुख्य द्वार था. 

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फिर हुई बुलडोजर कार्रवाई

जिला जज के अतिक्रमण हटाने के निर्देश के बाद एसडीएम पूनम भास्कर, तहसीलदार नरेंद्र यादव, अधिशासी अधिकारी आर.आर.अंबेश बुलडोजर लेकर कोतवाली पहुंचे. सबसे पहले शाहाबाद कोतवाली का मुख्य द्वार बुलडोजर से गिराया गया. उसके बाद मुख्य द्वार से सटी बनी हेल्प डेस्क का भवन भी गिराया गया. 

आपको बता दें कि मुंसिफ कोर्ट की जमीन पर अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक का आधा आवास, हेड मोहर्रिर का आवास तथा प्रभारी निरीक्षक का आधा कार्यालय भी आ रहा है. इसे हटाने के लिए अधिकारियों ने पुलिस को कुछ समय दिया है. फिलहाल कोतवाली परिसर में बुलडोजर एक्शन होता देख हर कोई हैरत में है. 

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क्या बोले अधिकारी 

इस मामले पर अपर जिलाधिकारी हरदोई प्रियंका सिंह ने बताया, “यह मुंसिफ कोर्ट के लिए ग्राम सभा की जमीन दी गई थी. मुंसिफ कोर्ट का निर्माण जब शुरू किया गया तो थाने का कुछ हिस्सा मुंसिफ कोर्ट की जमीन में आ रहा था. जब बाउंड्री का निर्माण शुरू हुआ तो उतना हिस्सा तुड़वाया गया है. माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश के क्रम में अब मुंसिफ कोर्ट की बाउंड्री का निर्माण कराया जाएगा.”

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