यूपी को मिलेगा तीसरा डिप्टी सीएम, किस जाति से होगा वो? योगी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आया ताजा अपडेट
UP Political News: यूपी कैबिनेट विस्तार का रास्ता साफ हो गया है. फिलहाल मंत्रिपरिषद में 6 पद खाली हैं. निवर्तमान यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की वापसी तय मानी जा रही है. एससी समुदाय से तीसरे डिप्टी सीएम की अटकलें तेज हैं.
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UP Political News: उत्तर प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही लंबे समय से लंबित पार्टी का संगठनात्मक बदलाव पूरा हो गया है. भाजपा के इस फैसले के बाद राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल के लंबे समय से प्रतीक्षित विस्तार का भी रास्ता अब साफ है. उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद में 60 सदस्य हो सकते हैं लेकिन अभी 54 हैं. योगी मंत्रिपरिषद में फिलहाल 6 पद खाली हैं. इन 6 पदों पर किन किन नेताओं को जगह मिल सकती है, आइए इसे आपको खबर में आगे तफ्सील से बताते हैं.
भूपेंद्र चौधरी को मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह?
निवर्तमान यूपी भाजपा अध्यक्ष और वरिष्ठ जाट नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल करना लगभग तय माना जा रहा है. भूपेंद्र चौधरी ने 2022 में पार्टी संगठन का कार्यभार संभालने से पहले पंचायती राज मंत्री के रूप में काम किया था. उन्हें पश्चिमी यूपी में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जाट समुदाय तक भाजपा की पहुंच को मजबूत करने में महत्वपूर्ण माना जाता है. कैबिनेट में उनकी वापसी उनके संगठनात्मक पद छोड़ने की भरपाई भी करेगी.
यूपी को मिलेगा तीसरा डिप्टी सीएम?
ओबीसी नेता पंकज चौधरी के अब राज्य भाजपा इकाई का नेतृत्व करने के साथ पार्टी सामाजिक संतुलन बनाए रखने के लिए एक अनुसूचित जाति (एससी) नेता को एक प्रमुख मंत्री पद पर लाने पर भी विचार कर रही है. वर्तमान उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य (ओबीसी) और बृजेश पाठक (ब्राह्मण) के साथ इस बार एससी समुदाय से तीसरे उपमुख्यमंत्री के बनाए जाने की अटकलें तेज हैं.
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वहीं, सूत्रों ने पूर्व जल शक्ति मंत्री और वर्तमान एमएलसी महेंद्र सिंह की संभावित वापसी का भी संकेत दिया है. महेंद्र सिंह अभी मध्य प्रदेश के लिए भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं. इसके अलावा ऊंचाहार से बागी समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे भी मंत्री बनने कस संभावित दावेदार माना जा रहे हैं. साथ ही बागी सपा विधायक पूजा पाल का नाम भी चर्चा में है.
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पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस फेरबदल का इस्तेमाल सरकार में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है. यह देखते हुए कि सीएम योगी और भाजपा के नए यूपी अध्यक्ष पंकज चौधरी दोनों पूर्वी यूपी के सटे हुए क्षेत्रों से आते हैं. सरकार की पहुंच बढ़ाने के लिए कम प्रतिनिधित्व वाले इलाकों से नेताओं को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है.
कब हो सकता है ये विस्तार?
सूत्रों के अनुसार, खरमास के बाद यानी जनवरी के आखिर में कभी भी कैबिनेट विस्तार होने की उम्मीद है. बीजेपी का लक्ष्य है कि आने वाले चुनावी साल में उसका संगठन और सरकार दोनों पूरी तरह से राजनीतिक तालमेल में रहें.











