अतीक-अशरफ हत्याकांड: होटल से निकले शूटरों को किसने दिया माइक आईडी और कैमरा? जांच में ये पता चला

आशीष श्रीवास्तव

प्रयागराज में अतीक-अशरफ अहमद हत्याकांड मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है. इस दोहरे हत्याकांड मामले में हर दिन नए-नए खुलासे सामने आ रहे…

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प्रयागराज में अतीक-अशरफ अहमद हत्याकांड मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है. इस दोहरे हत्याकांड मामले में हर दिन नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में एक और खुलासा हुआ है. ऐसी संभावना जताई गई है कि अतीक अहमद और अशरफ को मारने आए तीनों शूटरों की किसी चौथे शख्स ने मदद की थी.

प्रयागराज में 15 अप्रैल को मीडिया के कैमरे के सामने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी. इस दोहरे हत्याकांड को शूटर लवलेश, अरुण और सनी ने अंजाम दिया था. अब जांच में यह पता चला है कि तीनों शूटरों की कोई चौथा शख्स लगातार मदद कर रहा था.

प्रयागराज स्टेशन पर स्थित होटल स्टे इन, जहां पर शूटरों ने कमरा लिया था. कमरा नंबर 203 में शूटर ठहरे थे. इस कमरे में 3 दिन यानी 13, 14, 15 अप्रैल तक शूटर ठहरे थे और 15 अप्रैल को ही अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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होटल मैनेजर के मुताबिक, शूटर सिर्फ एक पिट्ठू बैग लेकर आए थे और खाना भी बाहर खाते थे. कभी भी एक साथ निकल कर बाहर नहीं जाते थे.

शूटर होटल से निकलकर सीधे ई-रिक्शा लेते हैं और कॉल्विन अस्पताल पहुंचते हैं, जो महज 1 किलोमीटर दूर है. होटल से इस बात की जानकारी शूटर को पहले से थी कि कॉल्विन अस्पताल होटल से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर है और कॉल्विन अस्पताल पहुंचने में मात्र 10 मिनट लगते हैं यानी कि शूटर्स को साफ मालूम था कि 10 मिनट में वे कॉल्विन अस्पताल होंगे.

जब तीनों आरोपी वारदात को अंजाम देने के लिए होटल से बाहर निकले थे तब उनके पास माइक आईडी और कैमरा नहीं था. लेकिन कॉल्विन अस्पताल में उनके पास कैमरा और माइक आईडी मौजूद होता है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कोई चौथा शख्स आरोपियों को कैमरा और माइक आईडी दिया होगा.

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