BJP नेताओं संग तस्वीर दिखा गाजीपुर से गुजरात तक फ्रॉड? संजय शेरपुरिया अरेस्ट, जानें कहानी

संतोष शर्मा

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यूपी एसटीएफ ने लखनऊ में संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया नामक शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को केंद्र की बीजेपी सरकार का करीबी बताता था. विभूति खंड इलाके से गिरफ्तार किया गया संजय प्रकाश राय उर्फ संजय शेरपुरिया पर करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप है. आरोप है कि उसने किसी को जांच में बचाने के नाम पर ठगा तो किसी को खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की वसूली की है.

गाजीपुर जिले के शेरपुर गांव का रहने वाला संजय राय दिल्ली में संजय शेरपुरिया के नाम से पहचान रखता था. संजय शेरपुरिया के नाम से ही वह दिल्ली दरबार के तमाम नेताओं और हाई प्रोफाइल लोगों के साथ मिलता-जुलता रहा.

पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत कई प्रभावशाली नेताओं-दिग्गजों के साथ संजय राय उर्फ संजय शेरपुरिया तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था और खुद को केंद्र सरकार के तमाम बड़े नेताओं का करीबी बताता था. इतना ही नहीं वो गुजरात में अपनी फैक्ट्री होने का दावा करते हुए गुजरात कनेक्शन का भी खूब ढिंढोरा पीटता था.

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आरोप है कि ईडी में चल रही गौरव डालमिया की जांच को मैनेज कराने के नाम पर संजय राय उर्फ संजय शेरपुरिया ने 11 करोड़ रुपये लिए थे. बताया जाता है कि 11 करोड़ रुपये की रकम गौरव ने अपने फैमिली ऑफिस ट्रस्ट के खाते से संजय राय उर्फ संजय शेरपुरिया की यूथ रूरल एंटरप्रेन्योरशिप के खाते में 2 बार में डाली थी. पहली बार 21 जनवरी को 5 करोड़ रुपये और दूसरी बार 23 जनवरी को 6 करोड़ रुपये संजय शेरपुरिया के खाते में ट्रांसफर किए गए थे.

गोपनीय पत्र से हुआ खुलासा

बताया जा रहा है कि संजय शेरपुरिया के कथित तौर पर ठगी की जानकारी केंद्रीय एजेंसी को एक गोपनीय पत्र से मिली. इसके बाद मामले में जांच के लिए यूपी एसटीएफ को लगाया गया.

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पत्र में आरोप लगाया गया कि संजय शेरपुरिया ने दिल्ली के नामचीन दिल्ली राइडिंग क्लब पर कब्जा कर रेस कोर्स के अंदर आलीशान कोठी बनवा ली है. आरोप है कि इसी आलीशान कोठी में बैठकर वह खुद को बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं का करीबी बताकर लोगों के साथ ठगी करता था.

इस गोपनीय पत्र की जांच की गई फिर यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के विभूति खंड से संजय शेरपुरिया को और यूपी एसटीएफ के नोएडा यूनिट ने नोएडा से काशिफ को गिरफ्तार किया.

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अभी तक की जांच में यह पता चला है कि संजय शेरपुरिया दिल्ली, गाजीपुर, अहमदाबाद बड़ोदरा में कई फर्जी कंपनियां और एनजीओ से जुड़ा था. कई कंपनियों में संजय शेरपुरिया कागज पर कहीं नहीं होता, लेकिन जब भी उस कंपनी या एनजीओ का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम होता तो वह उसका मुख्य कर्ताधर्ता रहता था. अपने दिल्ली दरबार में पैठ के चलते ही उसने अपने गृह जनपद गाजीपुर में भी खुद को बीजेपी का बड़ा नेता बताना शुरू कर दिया था. वह कई सार्वजनिक कार्यक्रम करवाता था.

गाजीपुर में चर्चा हो गई थी कि संजय शेरपुरिया आगामी 2024 चुनाव में बीजेपी से लोकसभा का चुनाव लड़ेगा. फिलहाल गिरफ्तारी के बाद हुई शुरुआती जांच में संजय शेरपुरिया के मोबाइल से कई व्हाट्सएप चैट में लेनदेन की जानकारी सामने आई है.

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