20 साल पहले जब अखिलेश और डिंपल को नहीं पहचान पाई थीं मायावती, सुरक्षा अधिकारी को लगाई थी फटकार, दिलचस्प है वो किस्सा

आनंद कुमार

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का आज 68वां जन्मदिन है. समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मायावती को जन्मदिन की बधाई दी है. देश की सियासत में इन दिनों आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर मायावती और अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. अपने जन्मदिन के मौके पर मायावती ने अखिलेश को ‘गिरगिट’ तक बता दिया.

लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का हिस्सा बन सकती हैं. हालांकि, उन्होंने अपने जन्मदिन के मौके पर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी बिना किसी गठबंधन का हिस्सा बने लोकसभा चुनाव लड़ेगी. सियासी गलियारों में चर्चा है कि अखिलेश यादव नहीं चाहते थे कि मायावती इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनें.

भले ही इन दिनों मायावती और अखिलेश की राजनीतिक राहें अलग-अलग हो गई हों, लेकिन 2019 का लोकसभा चुनाव अखिलेश और मायावती ने साथ मिलकर लड़ा था. हालांकि, ये गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चला और 2019 लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद यह गठबंधन टूट गया.

2019 में एक रैली के दौरान मायावती, अखिलेश और डिंपल एक साथ नजर आए थे. मगर आज से 20 साल पहले जब मायावती के सामने अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल आई थीं, तब मायावती दोनों को नहीं पहचान पाई थीं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

दरअसल, साल 2002 में मायावती दिल्ली जाने वाली फ्लाइट की बिजनस क्लास में बैठी थीं. तभी उस दौरान 29 साल के अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ फ्लाइट में एंट्री किए. फ्लाइट में मायावती को देखते ही अखिलेश और डिंपल ने उन्हें हाथ जोड़कर नमस्ते किया, मायावती ने भी वो अभिवादन स्वीकार कर लिया, लेकिन उन्होंने उतना ठीक तरीके से उन्हें जवाब में अभिवान नहीं दिया. दरअसल, उस वक्त मायावती, मुलायम सिंह यादव के बड़े बेटे अखिलेश और बहू डिंपल को पहचान नहीं पाई थीं.

दिल्ली में फ्लाइट के लैंड करने पर जब मायावती ने अपने सुरक्षा अधिकारी रहे पदम सिंह से पूछा, ‘वो दोनों लड़का-लड़की कौन थे जो मुझे नमस्ते कर रहे थे.’ इसके जवाब में पदम सिंह ने बताया कि ‘वे दोनों मुलायम सिंह जी के बेटे-बहू अखिलेश यादव और डिंपल हैं.’ इसपर मायावती भड़क गईं और उन्होंने पदम सिंह को फटकारा.

पदम सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था, “दिल्‍ली में उतरने के बाद बहन जी ने मुझसे उस नौजवान जोड़े के बारे में पूछा. मुझे 1995 का गेस्‍ट हाउस कांड याद था जब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मायावती पर हमला कर दिया था, तो मैंने लापरवाही से कह दिया कि वे दोनों मुलायम सिंह जी के बेटे-बहू अखिलेश और डिंपल यादव हैं. वह गुस्‍सा हो गईं और मुझे डपटकर बोलीं, “तुमने मुझे क्‍यों नहीं बताया? तुम्‍हें मुझे चुपचाप से बता देना चाहिए था. उनके बेटे-बहू ने मुझे नमस्‍ते किया और मुझे भी सही से उनका अभिवादन करना चाहिए था. तुमने मुझे इस बारे में कुछ नहीं बताया. वो लड़का मेरे बारे में क्‍या सोच रहा होगा? उसकी पत्‍नी क्‍या सोच रही होगी? यह सही नहीं हुआ.”

ADVERTISEMENT

इसके बाद पदम सिंह सामान उठाने एयरपोर्ट के अंदर गए तो उन्होंने देखा कि अखिलेश भी अपने सामान के इंतजार में थे. उस वक्त पदम सिंह ने अखिलेश से कहा कि ‘अगर बहन जी और हम हाथ मिला लें तो हम मिलकर इस देश पर शासन कर सकते हैं. लेकिन विडंबना है कि इतने ताकतवर होने के बावजूद हम दोनों सत्ता से बाहर हैं.’

पदम सिंह अब बीजेपी में

साल 2016 में सेवानिवृत डिप्टी एसपी पदम सिंह बीजेपी में शामिल हो गए. इससे पहले पदम सिंह कभी किसी राजनीतिक दल में नहीं रहे. पूर्व डीजीपी बृजलाल के बाद पदम सिंह मायावती के बेहद करीबी माने जाने वाले सुरक्षा अधिकारी रहे. गेस्ट हाउस कांड के बाद पदम सिंह को मायावती की सुरक्षा में लगाया गया था. साल 2012 तक पदम सिंह मायावती के साथ सुरक्षा में तैनात रहे. डीएसपी रहते हुए मायावती की जूती पोंछने के कारण वह विवादों में आए थे.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT