मैं उनसे बहुत मोहब्बत करता हूं... आजम खान के लिए पिघल ही गया एसटी हसन का दिल! क्या-क्या बोले?
समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने दिग्गज नेता आजम खान से मुलाकात क्या की, लगता है सारी चीजें अब पटरी पर आने लगी हैं. पुराने गिले-शिकवे दूर होने का मानों एक नया सिलसिला ही शुरू हो गया है. इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है एक जमाने में आजम खान के करीबी रहे और अब उनसे नाराज बताए जाने वाले मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन का.
ADVERTISEMENT

समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव ने दिग्गज नेता आजम खान से मुलाकात क्या की, लगता है सारी चीजें अब पटरी पर आने लगी हैं. पुराने गिले-शिकवे दूर होने का मानों एक नया सिलसिला ही शुरू हो गया है. इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है एक जमाने में आजम खान के करीबी रहे और अब उनसे नाराज बताए जाने वाले मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन का. लगता है कि एसटी हसन की नाराजगी भी अब दूर हो गई है. वो साफ कह रहे हैं कि वो तो आजम खान के शिष्य हैं और उनसे बहुत मोहब्बत करते हैं.
असल में सीतापुर जेल से बाहर आने के बाद से ही आजम खान ने कुछ ऐसे बयान दिए जिसमें उनकी एसटी हसन से तल्खी दिखी. ऐसा ही कुछ एसटी हसन की ओर से भी दिखा था. इस सियासी मोहब्बत के तल्खी में बदलने के पीछे 2024 का लोकसभा चुनाव माने जा रहा था. तब मुरादाबाद से सिटिंग सांसद एसटी हसन का टिकट काटकर सपा ने यहां से रूचि वीरा को उम्मीदवार बनाया. दावा किया गया कि ऐसा आजम खान के कहने पर हुआ और इसे लेकर एसटी हसन नाराज हो गए.
आजम खान के जेल से निकलने के बाद जब यूपी Tak ने उनके साथ एक एक्सक्लूसिव पोडकास्ट में एसटी हसन की नाराजगी का सवाल उठाया, तो आजम खान ने सीधे कह दिया कि 2019 में उन्हें टिकट दिलाया किसने था. ऐसा लगा कि आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद एसटी हसन से उनकी अदावत बरकरार रहेगी. लेकिन अखिलेश यादव की मुलाकात ने रिश्तों पर जमी बर्फ को लगता है पिघला दिया है. एसटी हसन ने साफ कर दिया है कि उन्हें कोई गिला शिकवा नहीं है.
यह भी पढ़ें...
यहां नीचे यूपी Tak की खास वीडियो रिपोर्ट में देखिए आजम खान और एसटी हसन का रिश्ता अब क्या दिलचस्प मोड़ ले चुका है.
यानी एसटी हसन के दिल की बात सामने आई कि वह आजम खान को न सिर्फ अपना सीनियर मानते हैं, बल्कि उनसे गहरी मोहब्बत भी करते हैं. एसटी हसन ने कहा है कि अगर आजम साहब मुझसे मिलने को कहेंगे तो मैं जरूर जाऊंगा. वह मेरे सीनियर रहे हैं, उनका मेरे ऊपर बड़ा एहसान है कि 2019 का टिकट उन्हीं की वजह से मुझे मिला था. मैं एहसान फरामोश नहीं हूं, जब तक जिऊंगा उनका एहसान मानता रहूंगा.
एसटी हसन ने खुलकर बताया है कि टिकट कटने पर उन्हें दुख तो हुआ, लेकिन नाराजगी नहीं रही. उन्होंने स्वीकार किया कि आजम खान के हाथों ही उनका राजनीतिक ग्राफ तय हुआ- कभी टिकट दिलवाया, कभी कटवाया. एसटी हसन ने साफ कहा, अगर कभी गिले-शिकवे रहे, अब मिटा दिए. जिस दिन आजम खान आएंगे, स्वागत करूंगा. समाजवादी पार्टी की बुनियाद में उनका अहम योगदान है और अखिलेश यादव भी उन्हें पिता तुल्य मानते हैं.