यूपी में एक ट्रक पार कराने के 7000 रुपए! ARTO पुष्पांजलि, खनन अफसर देशराज पर हुआ FIR तो खुला खेल
UPSTF ने ओवरलोड ट्रकों कों अवैध तरीके से पास कराने वाले एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में परिवहन और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आई है.
ADVERTISEMENT

UPSTF ने ओवरलोड ट्रकों कों अवैध तरीके से पास कराने वाले एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में परिवहन और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत की बात भी सामने आई है. जांच में पता चला है कि ओवरलोड बालू और मौरंग से लदे ट्रकों को पास कराने के लिए दलाल एक ट्रक से 7000 रुपये वसूलते थे. इस अमाउंट में से 5000 रुपये सीधे आरटीओ और खनन विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाए जाते थे. पैसे जमा होने के बाद ये ट्रक बिना किसी चेकिंग के यूपी में सफर करते थे. ऐसे में अब UPSTF ने लखनऊ, फतेहपुर, उन्नाव और रायबरेली में एक छापेमारी करते हुए एआरटीओ से लेकर खनन अधिकारियों तक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
सिंडिकेट का भंडाफोड़
UPSTF की जांच में सामने आया है कि बांदा-हमीरपुर से लेकर लखनऊ तक ओवरलोड ट्रकों को बिना किसी रुकावट के पास कराने का एक रैकेट चल रहा था. इस अवैध कारोबार को परिवहन और खनन विभाग के अधिकारियों ने दलालों के साथ मिलकर अंजाम दिया. इस खुलासे के बाद लखनऊ के मड़ियांव, फतेहपुर के थरियांव, उन्नाव की शहर कोतवाली और रायबरेली की लालगंज कोतवाली में नामजद FIR दर्ज की गई है.
अधिकारियों पर कार्रवाई
इस मामले में लखनऊ के मड़ियांव थाने में एआरटीओ राजू बंसल और पीटीओ मनोज भारद्वाज समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. फतेहपुर जिले में खनन अधिकारी देशराज पटेल समेत 6 लोगों पर नामजद एफआईआर हुई है. रायबरेली के लालगंद से एआरटीओ पुष्पांजली के साथ 1 को नामजद किया गया है. बता दें कि इस FIR में एआरटीओ, खनन अधिकारी के साथ-साथ उनके गनर और ड्राइवर को भी नामजद किया गया है जो इस सिंडिकेट का हिस्सा थे.
यह भी पढ़ें...
अवैध वसूली का तरीका
जांच में पता चला है कि ओवरलोड बालू और मौरंग से लदे ट्रकों को पास कराने के लिए दलाल प्रति ट्रक 7000 रुपये वसूलते थे. इस अमाउंट में से 5000 रुपये सीधे आरटीओ और खनन विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाए जाते थे. पैसे जमा होने के बाद ये ट्रक बिना किसी चेकिंग के यूपी में सफर करते थे. इसके अलावा पकड़े जाने पर भी इन ट्रकों को बिना किसी चालान के तुरंत छोड़ दिया जाता था. ओवरलोड ट्रक का नंबर और वसूली गई रकम की जानकारी एक रात पहले ही संबंधित अधिकारियों को पहुंचा दी जाती थी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि अगली सुबह उन्हें कहीं रोका न जाए.
ये भी पढ़ें: SEBI Recruitment 2025: सेबी में 110 ऑफिसर ग्रेड-A पदों पर निकली भर्ती, ये लोग 28 सितंबर तक कर सकते हैं अप्लाई, जानें डिटेल्स











