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हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा, ISIS... लखनऊ की ये कॉलोनियां बन रही आतंकियों का ठिकाना!

समर्थ श्रीवास्तव

Lucknow News: पिछले 20 साल में लखनऊ से हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा, ISIS, हूजी मॉड्यूल के तमाम संदिग्ध आतंकवादी या तो गिरफ्तार किए गए है या मारे गए हैं. क्या लखनऊ की कॉलोनियां आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना साबित हो रही हैं?

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Lucknow News: राजधानी दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद से ही देशभर की सरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सूबे की पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. वहीं, इस धमाके के सिलसिले में कई गिरफ्तारियां हो रही हैं. जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली डॉक्टर शाहीन को अरेस्ट किया है. शाहीन पर आरोप है कि वह आतंकियों के संपर्क में थी. शाहीन की गिरफ्तारी के बाद सवाल यह उठ रहा है कि लखनऊ की सीमाओं पर तेजी से बढ़ती नव विकसित कॉलोनियां क्या आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना साबित हो रही हैं? पिछले 20 साल में यहां से हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा, ISIS, हूजी मॉड्यूल के तमाम संदिग्ध आतंकवादी या तो गिरफ्तार किए गए है या मारे गए हैं. इसके पास से बड़ी मात्रा में असहले और विस्फोटक सामग्री भी मिली है.

गोमतीनगर कॉलोनी में साल 2005 में क्या हुआ था?

यह बात साल 2005 की है. तब यूपी में ATS यानी आतंकवादी निरोधक दस्ते का गठन नहीं हुआ था. STF सक्रिय थी. जानकारी मिली रही थी कि उस समय नई बसी गोमतीनगर कॉलोनी में कुछ विदेशी शरण लिए हुए हैं. STF दल के साथ पहुंची तो AK-47 से फायरिंग शुरू हो गई. जवाबी कार्रवाई में तीन युवक मारे गए. खुलासा हुआ कि तीनों पाकिस्तानी थे और हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े थे. 

देवा रोड पर दो आतंकियों को मार गिराया गया था

इस मुठभेड़ के दो साल बाद STF ने देवा रोड पर दो आतंकियों को मार गिराया, जिसमें एक कैराना (यूपी) का बसाल था, जबकि दूसरा पाकिस्तानी था. 

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मड़ियांव और दुबग्गा में क्या हुआ था?

हाल की बात करें तो 11 जुलाई 2021 को UP-ATS ने मड़ियांव और दुबग्गा से अलकायदा समर्थित अंसार गजवा तुल से जुड़े दो संदिग्ध आतंकियों (मिनहाज और नसीरुद्दीन) को गिरफ्तार किया था. इनके पास से प्रेशर कुकर बम के साथ बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिले थे. 

काकोरी में सैफुल्ला UP-ATS ने मार गिराया था

पुलिस का दावा था कि ये 15 अगस्त को बड़ी आतंकी घटना की साजिश रच रहे थे. इससे पहले 8 मार्च 2017 को UP-ATS ने काकोरी इलाके की हाजी कॉलोनी में सैफुल्ला को मार गिराया था. मूल रूप से कानपुर का रहने वाला सैफुल्ला किराये के मकान में ठिकाना बनाए था. उसके कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुए थे. 

ये भी हुए थे गिरफ्तार:

  • मई 2005 में एसटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े सादात रशीद और इरफान को गिरफ्तार किया था. 
  • दिसंबर 2006 में कैसरबाग में ISI एजेंट अब्दुल शकूर और आदिल अरेस्ट हुए थे. 
  • जुलाई 2006 में कैंट में पकड़ा गया था ISI एजेंट लारेब खान. लारेब आइटी चौराहे के पास प्लेसमेंट एजेंसी चला रहा था. 
  • जून 2007 में ATS ने हूजी के एरिया कमांडर बाबू भाई को उसके साथी नौशाद के साथ गिरफ्तार किया था. 
  • नवंबर 2007 में ATS ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े तीन लोगों को पकड़ा था. 
  • मार्च 2007 में ATS ने आतंकी संगठन को असलहे सप्लाई करने के आरोप में मॉडल हाउस निवासी इजहार खान को पकड़ा था. 
  • सितंबर 2007 में ATS ने सिमी सदस्य शहबाज अहमद को पकड़ा था. 
  • अगस्त 2008 में STF ने जमात-उल-मुजाहिद्दीन से जुड़े मोहम्मद मसरूर को गिरफ्तार किया गया था. 

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