लखनऊ जेल के हाईप्रोफाइल कैदी अनुभव मित्तल ने सिपाही के फोन से जज को कैसे भेजा धमकी वाला मेल? गजब का दिमाग लगाया
3700 करोड़ रुपये के ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले का मास्टरमाइंड और हाई-प्रोफाइल कैदी अनुभव मित्तल ने जेल में बंद एक साथी कैदी को फंसाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को ही धमकी भरा ईमेल भेज दिया.
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उत्तर प्रदेश की लखनऊ जेल से एक सनसनीखेज और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 3700 करोड़ रुपये के ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले का मास्टरमाइंड और हाई-प्रोफाइल कैदी अनुभव मित्तल ने जेल में बंद एक साथी कैदी को फंसाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को ही धमकी भरा ईमेल भेज दिया. इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसने एक पुलिस सिपाही के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया और गजब का दिमाग लगाकर एक ऐसी तरकीब निकाली कि ईमेल अगले दिन अपने आप चला गया.
जांच में पूरा खुलासा होने के बाद गोसाईंगंज थाने में आरोपी कैदी अनुभव मित्तल और लापरवाह सिपाही अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है.
अनुभव मित्तल ने कैसे रची ये साजिश?
अनुभव मित्तल को एसटीएफ ने फरवरी 2017 में 3700 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया था. अनुभव ने यह सनसनीखेज साजिश एक साथी कैदी आनंदेश्वर अग्रहरि को फंसाने के लिए रची. आनंदेश्वर अग्रहरि अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में दिसंबर 2023 से जेल में बंद है. बताया जा रहा है कि अनुभव मित्तल का आनंदेश्वर अग्रहरि से किसी बात को लेकर मनमुटाव था.
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अनुभव मित्तल ने महेंद्र कुमार के फर्जी नाम से जज को भेजे गए ईमेल में लिखा कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के एक जज की हत्या होने वाली है. उसने आरोप लगाया कि जेल अस्पताल में ड्यूटी दे रहा कैदी आनंदेश्वर अग्रहरि (जिसकी जमानत अर्जी जज ने खारिज की थी) जज की हत्या की साजिश रच रहा है.
ऐसे किया सिपाही के फोन का इस्तेमाल और लगाया 'टाइमर'
ईमेल भेजने के लिए अनुभव मित्तल ने लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात सिपाही अजय कुमार के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया. 4 नवंबर को सिपाही अजय कुमार बंदी अनुभव मित्तल को पेशी पर लेकर गया था. अनुभव ने केस का स्टेटस जानने के बहाने सिपाही से उसका फोन मांगा. इसी दौरान अनुभव मित्तल ने सिपाही के फोन में एक नई ईमेल आईडी बनाई और ईमेल तैयार करके सेटिंग में टाइमर लगा दिया.
ऑटोमैटिक सेंड हुआ ईमेल
टाइमर सेट होने के कारण ईमेल अगले दिन 5 नवंबर को सुबह 8:50 बजे अपने आप जज को चला गया. हाईकोर्ट प्रशासन को सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर के आदेश पर लखनऊ साइबर सेल और क्राइम ब्रांच ने संयुक्त रूप से मामले की जांच की. जांच में पता चला कि जिस मोबाइल फोन से ईमेल भेजा गया वह सिपाही अजय कुमार का था. सिपाही से पूछताछ और साइबर सेल की जांच के बाद पूरी साजिश का खुलासा हुआ.
जेल चौकी इंचार्ज अरविंद कुमार ने गोसाईंगंज थाने में साजिश रचने वाले कैदी अनुभव मित्तल और लापरवाही बरतने वाले सिपाही अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
अनुभव मित्तल कौन?
अनुभव मित्तल पर 3700 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में कुल 324 मुकदमे दर्ज हैं. उसकी पत्नी आयुषी और पिता सुनील मित्तल भी इसी मामले में जेल में बंद हैं. जेल प्रशासन ने भी इस गंभीर मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है. गोसाईगंज पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
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