सदियों के घाव आज भर गए... राम मंदिर पर धर्म ध्वज फहराकर पीएम मोदी ने इन बातों को किया याद
पीएम मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया. धर्म ध्वज फहराने के बाद ऐतिहासिक समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इसे एक युग-निर्माता पल बताया.
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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मंगलवार को एक ऐतिहासिक पल का साक्षी बना. पीएम मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया. धर्म ध्वज फहराने के बाद ऐतिहासिक समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इसे एक युग-निर्माता पल बताया. उन्होंने कहा कि आज सदियों के घाव भर रहे हैं और "सदियों का दर्द समाप्त हो रहा है क्योंकि 500 वर्षों से जीवित रखा गया एक सभ्यतागत संकल्प आज पूरा हो गया है. पीएम मोदी ने घोषणा की कि आज अयोध्या एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर देख रही है और संपूर्ण भारत संग विश्व 'राम-मय' हो गया है. इस अवसर पर उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने राम जन्मभूमि आंदोलन के दीर्घकालिक बलिदान और संकल्प की चर्चा करते हुए इस क्षण को इतिहास की सबसे बड़ी संतुष्टि बताया. उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राम-मय है. हर राम भक्त के हृदय में अद्वितीय संतोष है. असीम कृतज्ञता है... सदियों के घाव भर रहे हैं. सदियों का दर्द आज समाप्त हो रहा है. सदियों का संकल्प आज सिद्ध हो रहा है.
पीएम मोदी की फुल स्पीच को यहां नीचे देखा जा सकता है.
राम राज्य के आदर्श और सभ्यता का पुनर्जन्म: PM मोदी
पीएम मोदी ने राम मंदिर पर स्थापित धर्म ध्वज के प्रतीकात्मक महत्व को विस्तार से समझाया. उन्होंने कहा कि यह धर्म ध्वज केवल एक झंडा नहीं है बल्कि भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का ध्वज है और आने वाले हजारों सदियों तक भगवान राम के मूल्यों की घोषणा करेगा. प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के इस ऐतिहासिक क्षण का उपयोग भारत के विकास पथ और वैचारिक स्वतंत्रता पर बल देने के लिए किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को प्रगति के लिए अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए और गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए. उन्होंने उस विचार को खारिज कर दिया कि हमने लोकतंत्र विदेश से लिया है, कहा कि लोकतंत्र हमारे डीएनए में है. पीएम मोदी ने कहा कि हमें स्वतंत्रता तो मिली, लेकिन हम मैकाले के व्यापक दृष्टिकोण और हीनता की भावना से खुद को मुक्त नहीं कर पाए. पीएम मोदी ने राष्ट्र को अगले 10 वर्षों में भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने का लक्ष्य दिया.











