तेज प्रताप नहीं अब खुद अखिलेश यादव लड़ेंगे कन्नौज से लोकसभा चुनाव! जानें ऐसा क्यों हुआ?

समर्थ श्रीवास्तव

समाजवादी पार्टी ने कन्नौज से तेज प्रताप सिंह यादव को टिकट दिया था. मगर अब ऐसी खबर है कि पार्टी तेज प्रताप सिंह यादव का टिकट काट सकती है.

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अखिलेश यादव
अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
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Akhilesh Yadav News: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कन्नौज से एक बड़ी खबर सामने आई है. आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने कन्नौज से तेज प्रताप सिंह यादव को टिकट दिया था. मगर अब ऐसी खबर है कि पार्टी तेज प्रताप सिंह यादव का टिकट काट सकती है. चर्चा यह है कि अब यहां से खुद अखिलेश यादव चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. सियासी गलियारों में ऐसा कहा जा रहा है कि अखिलेश 25 अप्रैल को कन्नौज से नामांकन दाखिल कर सकते हैं. हालांकि समाजवादी पार्टी की ओर से इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है. 

तेज प्रताप यादव की जगह अखिलेश क्यों?

 

कन्नौज से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की खबर आग की तरह फैली हुई है. देर रात से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की संभावना तेज हो गई है. दरअसल, कन्नौज से सपा का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को लखनऊ राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने को पहुंचा था. इस दौरान सपा नेताओं ने तेज प्रताप के लिए कन्नौज की भूमि को अभी लाभदायक नहीं बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा के सुब्रत पाठक को हराने के लिए खुद अखिलेश यादव का कन्नौज से चुनाव लडना जरूरी है. यूपी Tak के सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव इस बात को मान गए हैं और कल नामांकन कर सकते हैं.
 

 

कौन हैं तेज प्रताप सिंह यादव?

आपको बता दें कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पौत्र और राष्ट्रीयजनता दल (राजद) के संस्थापक व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव 2014 से 2019 तक मैनपुरी से सांसद रहे हैं. तेज प्रताप पार्टी चीफ अखिलेष यादव के भतीजे भी हैं.

भाजपा ने कन्नौज से किसे दिया टिकट?

आपको बता दें कि भाजपा ने कन्नौज से निवर्तमान सांसद सुब्रत पाठक को टिकट दिया है. लोकसभा चुनाव 2019 में कन्नौज सीट पर भाजपा के सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था. डिंपल अब मैनपुरी से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं.

 

 


गौरतलब है कि देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो गए हैं. इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा. लोकसभा के 543 निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 97 करोड़ पंजीकृत मतदाता, 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
 

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