यूपी में साल-दर साल कम होते गए हत्या-रेप जैसे अपराध, देखिए पिछले 8 सालों का हिसाब-किताब
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने हाल में ही राष्ट्रीय स्तर पर अपराधों के नवीनतम आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों के आधार पर तस्दीक…
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राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने हाल में ही राष्ट्रीय स्तर पर अपराधों के नवीनतम आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों के आधार पर तस्दीक करें तो यूपी में साल-दर-साल हमें हत्या, रेप जैसी जघन्य वारदातों में कमी देखने को मिल रही है.
यूपी में हत्या, बलात्कार, चोरी जैसी घटनाओं में बीते 8 सालों से कमी आई है. महिला संबंधी अपराध में उत्तर प्रदेश 16 नंबर पर तो बच्चों के विरुद्ध अपराध में 29 में नंबर पर है. हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य घटनाओं में 10 से 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2013 से 2020 में हुए महिला उत्पीड़न, एसिड अटैक, बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, अपहरण जैसी जघन्य वारदातों का आंकड़ा जारी किया है. इसमें उत्तर प्रदेश में क्राइम रेट में कमी बताई गई है.
महिला संबंधी अपराध में बलात्कार जैसी जघन्य घटना में बीते 8 साल में 10 फ़ीसदी की कमी आई है. साल 2013 में जहां 3050 बलात्कार की घटनाएं हुई, वहीं 2020 में 2759 बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गईं.
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महिला संबंधी अपराध में जहां देश का क्राइम रेट 56.5 है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में यह 45.1 है. महिला संबंधी अपराध में उत्तर प्रदेश 16 नंबर पर है.
हत्या में सर्वाधिक 25 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. साल 2013 में जहां 5047 मर्डर हुए, तो वहीं 2020 में यह आंकड़ा घटकर 3779 हुआ. लगभग इतनी ही कमी चोरी की वारदातों में हुई. 2013 में जहां 41,949 चोरी की घटनाएं सामने आईं, 2020 में यह आंकड़ा 21 फ़ीसदी कम हुआ और 33,250 घटनाएं दर्ज की गईं.
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इन आंकड़ों पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि ‘यह सतत पुलिस की मेहनत का नतीजा है, जो एनसीआरबी के आंकड़े बता रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बेहतर पुलिसिंग और बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई के चलते अपराध नियंत्रण हुआ है. महिलाओं के साथ होने वाले रेप और हत्या जैसी वारदातें कम हुई हैं. अपराधियों पर लगातार कार्रवाई और अपराध पर नियंत्रण ऐसे ही जारी रहेगा.’
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