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यूपी में प्रधानी, पंचायत चुनावों के लिए इलेक्शन कमीशन के सामने आए लेटेस्ट अपडेट्स, ये कवायदें शुरू

आशीष श्रीवास्तव

पंचायत चुनाव अप्रैल से जुलाई 2026 के बीच कराए जाएंगे. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच बैलेट पेपर की छपाई का काम शुरू हो चुका है.

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Panchayat elections 2026
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उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर माहौल बनना शुरू हो चुका है. इस चुनाव को लेकर एक लेटेस्ट जानकारी सामने आई है. पंचायत चुनाव अप्रैल से जुलाई 2026 के बीच कराए जाएंगे. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बीच बैलेट पेपर की छपाई का काम शुरू हो चुका है. इसके साथ ही आयोग ने चुनाव खर्च सीमा, आवेदन शुल्क और जमानत राशि में भी वृद्धि की है.

आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद घोषित होगी तारीख

राज्य निर्वाचन आयोग ने ये साफ कर दिया है कि इस चुनाव की आधिकारिक घोषणा आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही की जाएगी. जैसे ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (SC/ST) आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी होगी वैसे ही आयोग तुरंत चुनाव की तारीख जारी कर देगा.

खर्च सीमा, शुल्क और जमानत राशि में वृद्धि

आयोग ने इस बार पंचायत चुनाव में खर्च करने की राशि में कुछ बदलाव भी किए हैं. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च सीमा बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही, आवेदन शुल्क और जमानत राशि में भी वृद्धि की है. आयोग द्वारा तय की गई नई सीमा के अनुसार, ग्राम प्रधान के पद पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अधिकतम 1.25 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे. वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए यह सीमा 7 लाख रुपये तय की गई है. चुनाव में खर्च करने की सीमा के साथ ही अलग-अलग पदों के लिए नामांकन पत्र खरीदने की राशि और जमानत राशि भी निर्धारित कर दी गई है. अलग-अलग पदों के लिए पर्चे का मूल्य 100 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक तय किया गया है.प्रत्याशियों के लिए जमानत राशि 400 रुपये से लेकर अधिकतम 25000 रुपये तक निर्धारित की गई है जो अलग-अलग वर्ग के प्रत्याशियों के लिए अलग-अलग हो सकती है. बता दें कि यह नियम आगामी पंचायत चुनावों के लिए तुरंत प्रभाव से लागू होंगे.

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कब होगा पंचायत चुनाव?

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव अप्रैल से जुलाई 2026 के बीच कराए जाएंगे. पंचायती राज विभाग ने सबसे पहले ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का कार्य पूरा किया है जिसमें आंकड़ों के अनुसार राज्य की 504 ग्राम पंचायतें खत्म कर दी गई हैं. पुनर्गठन के बाद अब प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57,695 रह गई है.

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