BRD मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल रूम में बेड पर इस हाल में मिली 32 साल के डॉक्टर डेविड की बॉडी, क्या हुआ उनके साथ

Gorakhpur Crime News: गोरखपुर के BRD मेडिकल कॉलेज में हड़कंप! एनेस्थीसिया विभाग के युवा डॉक्टर अबिषो डेविड की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत. सुसाइड नोट नहीं मिला, पुलिस जांच जारी.

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Gorakhpur Crime News: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश पड़ी मिली. मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के तिरुअनंतपुरम जिले के रहने वाले थे. वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे. 

शुक्रवार सुबह रोज की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल भेजा. कर्मचारी जब हॉस्टल पहुंचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा. हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी. स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुंचे. 

काफी प्रयासों के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया. दरवाजा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले. घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुंच गए. गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. 

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डॉक्टर की मौत को लेकर गहराया रहस्य

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है.  हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है. मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके. घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है. हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है. 

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या. उन्होंने कहा, "स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है. हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा.’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है. उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जांच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है. 

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा. बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे. उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है. 

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