SBI Platinum Jubilee Asha Scholarship: एसबीआई पढ़ाई के लिए दे रहा लाखों रुपये की स्कॉलरशिप, 15 नवंबर तक करें अप्लाई, जानें पूरा तरीका
SBI ने अपनी प्लैटिनम जुबली पर जरूरतमंद छात्रों के लिए 23,000 से अधिक विद्यार्थियों को 15,000 से 20 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप देने की योजना शुरू की है. यह स्कॉलरशिप कक्षा 9 से पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक के छात्रों के लिए है। आवेदन ऑनलाइन 15 नवंबर 2025 तक किए जा सकते हैं.
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपनी प्लैटिनम जुबली के मौके पर जरूरतमंद स्टूडेंट्स के लिए एक शानदार स्कॉलरशिप स्कीम का ऐलान किया है. ये स्कॉलरशिप एसबीआई की सीएसआर संस्थान SBI फाउंडेशन की ओर से दी जाएगी. इस स्कॉलरशिप के तहत देशभर के 23,000 से अधिक योग्य और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सालाना 15,000 रुपये से लेकर 20 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद मिलेगी.
इस योजना का उद्देश्य उन प्रतिभाशाली छात्रों की पढ़ाई का रास्ता आसान करना है, जो आर्थिक दिक्कतों के कारण उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पाते. कक्षा 9वीं से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक के छात्र इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन जारी है और अंतिम तिथि 15 नवंबर 2025 है.
पढ़ाई के स्तर और संस्थान के हिसाब से मिलेगी स्कॉलरशिप
छात्रों को उनकी पढ़ाई के स्तर और संस्थान के अनुसार 15 हजार से 20 लाख रुपये प्रति वर्ष तक वित्तीय सहायता मिलेगी. यह सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक छात्र अपनी चुनी हुई डिग्री पूरी नहीं कर लेते. SBI ने इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2025–26 में 90 करोड़ रुपये का बजट भी निर्धारित किया है.
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किन छात्रों के लिए है यह स्कॉलरशिप?
⦁ कक्षा 9 से 12 के स्कूल छात्र
⦁ NIRF टॉप 300 या NAAC ‘A’ ग्रेड प्राप्त कॉलेजों के अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्र
⦁ IIT, IIM और मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र
⦁ विदेश में मास्टर्स या उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करने वाले विशेष रूप से SC/ST वर्ग के छात्र
आवेदकों का भारत का नागरिक होना अनिवार्य है. पिछली पढ़ाई में कम से कम 75% नंबर या 7.0 CGPA होना चाहिए. परिवार की सालाना आय स्कूल के छात्रों के लिए 3 लाख रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 6 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
SBI के चेयरमैन, छल्ली श्रीनिवासुलु सेत्ती ने बताया कि इस प्लैटिनम जुबली वर्ष में इस योजना के माध्यम से कम संसाधनों वाले 23,230 होनहार छात्रों को सशक्त बनाना चाहते हैं ताकि वे अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें. उन्होंने कहा कि इससे विकसित भारत के लक्ष्य 2047 तक पहुंचने में मदद मिलेगी.