शादी, हनीमून और अब अर्थी…कश्मीर के पहलगाम में मारे गए ऐसन्या के पति शुभम द्विवेदी की टीस भरी कहानी
Kanpur Shubham Dwivedi Killed in Kashmir pahalgam Story: कश्मीर में निहत्थे पर्यटकों को धर्म के आधार पर आतंकवादियों ने मार दिया. आतंकियों ने महिलाओं और बच्चों के सामने उनके पतियों और पिताओं की जान ले ली. आतंकियों ने हनीमून मनाने गए कानपुर के शुभम द्विवेदी को भी उनकी पत्नी ऐसन्या की आंखों के सामने मार डाला. ऐसन्या की कपड़े पति के खून से सन गए. इस कायराना हमले से पूरे देश में गुस्सा है.
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Kanpur Shubham Dwivedi Killed in Kashmir pahalgam Story: ऐसन्या ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस शुभम द्विवेदी से उसकी शादी हो रही है, उसके खून से ही वह एक दिन सन जाएगी. अपने पति का खून ही उसके कपड़ों पर बिखर जाएगा और उसकी आंखों के सामने उसका सुहाग उजड़ जाएगा. 12 फरवरी के दिन कानपुर में शुभम और ऐसन्या की धूमधाम से शादी हुई थी. मगर 22 अप्रैल को ही ऐसन्या विधवा हो गई, वो भी अपनी आंखों के सामने. शायद ही ये मंजर नई दुल्हन ऐसन्या कभी भूल पाएगी.
कानपुर का शुभम हनीमून के लिए कश्मीर आया था. साथ में परिवार के अन्य सदस्य भी थे. ऐसन्या और शुभम अपनी जिंदगी के यादगार लम्हें कश्मीर की वादियों में गुजार रहे थे. मगर आतंकवादियों ने एक पल में शुभम समेत 28 लोगों के परिवार और उनकी खुशियां उजाड़ दीं.
अब ऐसन्या और शुभम की शादी की फोटो सामने आई हैं, जिसे देखकर हर कोई खामोश है. हर किसी के मन में एक टीस है कि शुभम किसी तरह से बच जाता. सिर्फ शुभम ही नहीं बल्कि हरियाणा के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी बच जाते, क्योंकि वह भी अपनी पत्नी हिमानी के साथ कश्मीर हनीमून मनाने आए थे. जिन 28 लोगों को आतंकियों ने धर्म के आधार पर मारा है, उनमें से एक किसी की कहानी मार्मिक और दर्दनाक है.
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शुभम के साथ क्या हुआ?
कानपुर का शुभम, अपनी पत्नी और परिवार के 9 अन्य सदस्यों के साथ 16 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक सप्ताह की छुट्टी मनाने गया था. इस यात्रा में उसके माता-पिता, बहन, बहनोई और बहन के ससुराल के लोग शामिल थे. परिवार ने पहलगाम पहुंचने से पहले सोनमर्ग और गुलमर्ग की सैर की थी, जहां उन्होंने कुदरत की खूबसूरती का लुत्फ उठाया.
शुभम के चाचा मनोज द्विवेदी ने बताया कि मंगलवार दोपहर को नवविवाहित जोड़े, शुभम और उनकी पत्नी, ने पहलगाम में घुड़सवारी करने का फैसला किया, जबकि परिवार के बाकी लोग होटल के आसपास ही रुके थे. इसी दौरान, दो-तीन आतंकवादी अचानक उनके पास पहुंचे. हमलावरों ने शुभम से उनकी पहचान पूछी. शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी के अनुसार, आतंकवादियों ने शुभम से ‘कलमा’ (इस्लामी आस्था की घोषणा) पढ़ने को कहा. मगर शुभम ने कलमा नहीं पढ़ा. ये देख क्रूर हमलावरों ने उनके सिर में गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
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ऐसन्या अपने लिए भी मांग रही थी आतंकियों से मौत
जिस दौरान आतंकियों ने शुभम को गोली मारी तो उसकी पत्नी ऐसन्या ने आतंकियों से कहा कि अब वह उसे भी मार दे. मगर आतंकियों ने उससे कहा कि अपनी सरकार को बता देना कि हमने क्या किया है. फिलहाल ऐसन्या सदमें में हैं. अपने पति की हत्या का ये मंजर शायद ही वह कभी अपने दिल-दिमाग से निकाल पाएगी. अब पूरे देश को 28 पर्यटकों की मौत के बदले का इंतजार है. पूरे देश में कश्मीर में हुई इस आतंकी घटना को लेकर भारी गुस्सा है.