मधुमिता शुक्ला हत्याकांड पर बड़ी जानकारी आई सामने, सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात

संजय शर्मा

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Uttar Pradesh News : मधुमिता शुक्ला हत्याकांड (Madhumita Shukla Murder Case) से जुड़ी एक बड़ी जानकारी मंगलवार को सामने आई है. अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई के बाद मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी संतोष राय ने सुप्रीम कोर्ट में समय से पहले रिहाई के लिए गुहार लगाई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संतोष राय की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.

मधुमिता शुक्ला के आरोपी संतोष राय को राहत नहीं

इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिरुद्ध बोस की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने संतोष राय के वकील ने समय से पहले रिहाई की मांग करते हुए कहा कि, ‘वह पिछले 21 सालों से जेल में है.उसके परिवार में सिर्फ उसके पिताजी जीवित हैं. उसकी मां का देहांत हो चुका है.’ हालांकि कोर्ट का रुख देखते हुए संतोष राय के वकील पीछे हटते दिखे. उन्होंने संतोष राय की याचिका वापस लेने की गुहार लगाते हुए कहा कि वह पहले उत्तर प्रदेश सरकार के सामने अपनी अपील रखना चाहता है. फिर कोर्ट ने राय की अपील मान ली. जिसमें उसने समय से पहले रिहाई की मांग पहले यूपी सरकार के सामने रखने की दलील दी थी. इस आधार पर कोर्ट ने संतोष राय की याचिका खारिज कर दी.

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड

मई 2003 में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए एक हत्याकांड ने तत्कालीन सरकार को हिला कर रख दिया. हत्या हुई युवा कवयित्री मधुमिता शुक्ला की, इसमें नाम आया बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी (Amarmani Tripathi) और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी का. बाद में हाई कोर्ट ने पति-पत्नी समेत अन्य को इस मामले में उम्र कैद की सजा सुना दी. अब जब मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि और मधुमणि रिहा किए गए हैं. इस रिहाई के खिलाफ मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी कर उत्तर प्रदेश सरकार से आठ हफ्तों में जवाब मांगा है.

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